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07 अक्तूबर 2009

गेहूं का वैश्विक कारोबार 17फीसदी घटने की संभावना

वर्ष 2009-10 के दौरान गेहूं का वैश्विक कारोबार 17 फीसदी घटकर 6,660 लाख टन रह सकता है। ब्रिटेन स्थित इंटरनेशनल ग्रेन काउंसिल (आईजीसी) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में गेहूं खरीद घटने के कारण वैश्विक कारोबार में यह गिरावट आ सकती है। आईजीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गत वर्ष वैश्विक बाजार में 6,870 लाख टन गेहूं का कारोबार हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक ईरान का गेहूं आयात 60 फीसदी घटकर 35 लाख टन रह सकता है क्योंकि ईरान में गेहूं का उत्पादन बढ़ने की संभावना है। इसी तरह उत्तरी अफ्रीकी देशों का गेहूं आयात वर्ष 2008-09 के मुकाबले करीब 20 फीसदी घटने का अनुमान है। उत्तरी अफ्रीका का गेहूं आयात 183 लाख टन रहने की संभावना है। अल्जीरिया और मोरक्को जैसे देशों में गेहूं का घरेलू उत्पादन आयात की जरूरत को सीमित कर देगा। घरेलू उत्पादन बढ़ने से सीरिया का गेहूं आयात चार लाख टन और टर्की का आयात 17 लाख टन पर सिमट सकता है। हालांकि सऊदी अरब में 16 लाख टन गेहूं आयात होने की संभावना है जो गत वर्ष के मुकाबले 23 फीसदी अधिक है। सऊदी अरब में कृषि नीति में बदलाव के कारण गेहूं का घरेलू उत्पादन लगातार घट रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पांच प्रमुख निर्यातकों अमेरिका, यूरोप, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अर्जेटीना का निर्यात 19।21 फीसदी घटकर 744 लाख टन रहने की संभावना है। अमेरिकी निर्यात 270 लाख टन से घटकर 250 लाख टन रह सकता है। वहीं, कमजोर वैश्विक मांग और अन्य निर्यातकों से मिल रही जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के कारण यूरोप का गेहूं निर्यात भी 173 लाख टन रह सकता है। अर्जेटीना से गेहूं निर्यात 85 लाख टन से घटकर 25 लाख टन रह सकता है। इस वर्ष वैश्विक बाजार में भारत से 10 लाख टन और पाकिस्तान से 14 लाख टन गेहूं निर्यात होने का अनुमान है। (बिज़नस भास्कर)

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