नई दिल्ली : नवरात्रि के समाप्त होने के साथ ही पोल्ट्री बाजार में छाई मुर्दनी के भी छूमंतर होने की संभावना मजबूत हो गई है, क्योंकि अब शादी-विवाह का सीजन शुरू होने के साथ ही इन उत्पादों की कीमतों में 15 प्रतिशत की तेजी आने की उम्मीद की जा रही है। नवरात्रि और उससे पहले श्राद्ध पक्ष के दौरान हिंदू आमतौर पर मांसाहार से दूर ही रहते हैं, जिसके कारण पोल्ट्री उत्पादों की मांग को हर साल इस अवधि में तगड़ा झटका लगता है। पोल्ट्री फेडरेशन आफ इंडिया के प्रवक्ता रिकी थापर ने बताया कि नवरात्रि के बाद चिकेन का थोक मूल्य बेहतर नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि यह बढ़कर 60 से 62 रुपए प्रति किलो हो चला है और 15 दिनों के समय में 70 रुपए प्रति किलो का स्तर छू सकता है।
उन्होंने बताया कि नवरात्रि के समय में चिकेन का थोक मूल्य 54 रुपए प्रति किलो चल रहा था। उन्होंने कहा कि शादी-विवाह और जाड़े के मौसम की मांग के समय बेहतर मूल्य मिलने की उम्मीद में किसानों ने अपना स्टॉक रोके रखा। उन्होंने कहा कि कीमतों में इस तेजी का लाभ किसानों को मिलेगा क्योंकि पोल्ट्री के उपयोग में आने वाले चारे की कीमत में पर्याप्त गिरावट आई है। थापर ने कहा कि इस समय सोयाबीन खली की फैक्ट्री कीमत 17,000 रुपए प्रति टन है जो एक महीना पहले 19,000 रुपए प्रति टन थी। दिल्ली में मक्का की कीमतें कुछ समय से 10,000 रुपए प्रति टन के स्तर पर बनी हुई हैं। व्यापारी नई फसल के आने से पहले स्टॉक दबाए हुए हैं। इसी अवधि के दौरान पिछले साल किसानों पर चारे की बढ़ी हुई कीमतों का दबाव झेलना पड़ा था, जिसके कारण उन्हें नुकसान हुआ। पिछले साल सोयाबीन खली की कीमतें 19,000 प्रति टन के स्तर पर थीं। थापर ने बताया कि इसकी वजह यह थी कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम ज्यादा थे जिनके कारण कारोबारियों ने मोटा मुनाफा लेने के लिए निर्यात बढ़ा दिया था। उन्होंने कहा कि बहरहाल इस साल निर्यात की मात्रा घट गई है क्योंकि स्थानीय उपलब्धता बढ़ने के कारण वैश्विक कीमतों में गिरावट आई है। इस बीच चिकेन की खुदरा कीमतें 130 रुपए प्रति किग्रा। (जिंदा) और 170 रुपए प्रति किग्रा. (कटा हुआ) तक पहुंच चुकी हैं। इस तरह इनके दाम थोक मूल्य के दोगुने से भी ज्यादा हो गए हैं। इसी तरह थोक कारोबार में अंडो का भाव 2.31 रुपए प्रति पीस हो गया है जबकि खुदरा स्टोर में ये 3 रुपए प्रति पीस मिल रहे हैं। (ईटी हिन्दी)
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