नई दिल्ली : इस सप्ताह दिवाली है। पूरी दुनिया सोने के पीछे पागल हुई पड़ी है। आप भी सोना खरीदने चाहते होंगे। बचत का यह तरीका हो सकता है आपको पसंद हो, लेकिन मामला थोड़ा उलझा हुआ है।हर साल दिवाली पर सोने की खरीदारी रिटायरमेंट के बाद फाइनेंस की कमी को पूरा नहीं कर सकती। सोने में निवेश को लेकर जागरूकता की बेहद जरूरत है। सोना आपके लिए फायदे का सौदा साबित हो, इसके लिए उसमें सोच-समझकर पैसा लगाना जरूरी है।
सोने के दाम आसमान पर होने के बावजूद इसमें निवेश का आकर्षण कम नहीं हुआ है। यही वजह है कि पिछले कुछ दिनों में गोल्ड ईटीएफ में निवेश और सोने के सिक्कों के भाव में खासा इजाफा हुआ है। अब एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिये सोने में निवेश करने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। बेंचमार्क एएमसी के कार्यकारी निदेशक संजीव शाह बताते हैं, '16 सितंबर को सबसे ज्यादा 95,000 गोल्ड ईटीएफ यूनिट्स का कारोबार हुआ। आखिर क्यों निवेशकों के बीच सोने में निवेश को ले कर दिलचस्पी में इजाफा हो रहा है। वह भी इस तथ्य के बाद कि सोने के दाम आसमान छू रहे हैं। आइए जानें कि क्यों बना हुआ है सोना निवेशकों की पसंद और आपके लिए इसमें और क्या क्या मौके हो सकते हैं...
निवेशकों को धीरे-धीरे लगने लगा है कि सोना निवेश का सबसे बढ़िया विकल्प हो सकता है। महंगाई दर बढ़ने की आशंका के चलते भी ईटीएफ में निवेश बढ़ा है।' महंगाई के खिलाफ सोने को हेजिंग का सबसे बढ़िया जरिया माना जाता है। गोल्ड ईटीएफ और सोने के सिक्कों में निवेश करने वालों को कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए। ईटीएफ की कीमतों में ज्यादा पारदर्शिता होती है और सभी गोल्ड ईटीएफ का रिटर्न एकसमान होता है। सोने के सिक्के खरीदते वक्त भी यह ध्यान रखना चाहिए कि बैंक, एनबीएफसी या ज्वैलरी हाउस में से किससे इसकी खरीदारी बेहतर होगी। सिक्के की शुद्धता और रीसेल मार्जिन का भी ध्यान रखना जरूरी है। बैंक 99.99 फीसदी शुद्धता वाले सिक्के बेचते हैं। (ई टी हिन्दी)
12 अक्तूबर 2009
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