कुल पेज दृश्य

10 अक्तूबर 2009

एपीडा को बासमती पर ईरान से शिकायत नहीं

कृषि एवं प्रसंस्करित खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने कहा है कि उसे ईरान से खराब बासमती चावल निर्यात संबंधी कोई शिकायत नहीं मिली है। ईरान की मीडिया की रिपोट में कहा गया था कि ईरान के सांसदों ने बासमती चावल की गुणवत्ता को लेकर आपत्ति जताई है। पिछले महीने ही ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत से आयात होने वाले चावल में आर्सेनिक की मात्रा तय सीमा से ज्यादा पाई गई। यही नहीं चावल में कैडमियम और लेड जैसे तत्व भी पाए गए हैं। एपीडा के सलाहकार ए।के. गुप्ता ने कहा कि इस मामले पर वे ईरान में भारतीय दूतावास से संपर्क में हैं। ईरानी प्रशासन की ओर से इस तरह की कोई शिकायत अभी तक नहीं मिली है। भारत बासमती की एक खास किस्म पूसा-1121 का निर्यात ईरान को करता है। वित्त वर्ष 2008-09 में इस बासमती चावल के निर्यात में भारी बढ़ोतरी हुई थी। इस दौरान करीब पांच लाख टन चावल का निर्यात किया गया जबकि इससे पिछले वर्ष यह निर्यात एक से डेढ़ लाख टन रहा था। पूसा-1121 को पहले भारत से प्रीमियम नॉन-बासमती चावल के रूप में बेचा जाता थालेकिन बिक्री बढ़ाने के लिए पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने इसे बासमती के रूप में शामिल कर लिया। भले ही ईरानी मीडिया की ओर से चावल में गंदगी की खबरें आई हैं, लेकिन ईरान सरकार ने भारतीय बासमती चावल पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया है। ईरान को बासमती निर्यात करने वाली कंपनी बेस्ट फूड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन मोहिंदर पाल जिंदल ने कहा कि अभी तक निर्यात रोका नहीं गया है और सप्लाई जारी है। एपीडा ने भारतीय दूतावास के जरिये ईरान को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें ईरान के एक प्रतिनिधिमंडल को निमंत्रण दिया गया है कि वह भारत आकर बासमती उत्पादन की प्रक्रिया को देखे। (बिज़नस भास्कर)

कोई टिप्पणी नहीं: