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15 अक्तूबर 2009

चीन का अनायास आयात बढ़ने से कॉपर में सुधार

अमेरिकी डॉलर कमजोर होने और अप्रत्याशित रूप से सितंबर में चीन का आयात काफी बढ़ जाने के कारण कॉपर के दाम लंदन मेटल एक्सचेंज में सुधर गए। एलएमई में कॉपर तीन माह डिलीवरी के भाव 6,140 डॉलर से बढ़कर 6,255 डॉलर प्रति टन हो गया। चीन में कच्चे कॉपर और सेमी फिनिश्ड कॉपर उत्पादों का आयात सितंबर के दौरान 23 फीसदी बढ़कर 399,052 टन हो गया। विश्लेषकों को उम्मीद थी कि वहां कॉपर निर्यात तीन लाख टन के आसपास रहेगा। आर्ब्रिटाज की सुविधा बंद होने से मांग कमजोर रहने की संभावना थी। वीटीबी केपिटल के विश्लेषक एंड्री क्रुचेन्कोव ने कहा कि बाजार में तेजी के लिए आवश्यक है कि चीन आक्रामक तरीके से आयात करे। कॉपर के दामों में स्थाई सुधार के लिए बाजार ओईसीडी देशों में आर्थिक हालात सुधरने पर निर्भर करेगा। उम्मीद है कि इन देशों में अगले नवंबर में औद्योगिक गतिविधियां तेज हो जाएंगी।चीन की खरीद से इसी वजह से तेजी को समर्थन मिला है। लेकिन विश्लेषकों का यह भी मानना है कि चीन की सरकार ने कॉपर का रणनीतिक स्टॉक बनाने का अभियान रोक दिया है, इससे चीन से बहुत ज्यादा समर्थन मिलने की उम्मीद नहीं है। दूसरी ओर करेंसी बास्केट के मुकाबले अमेरिकी डॉलर 14 माह के निचले स्तर पर पहुंच गया है। इससे दूसरे मुद्राओं में बेसमेटल्स का स्टॉक जुटाना कहीं सस्ता हो गया है। डॉलर गिरने से सभी जिंसों को तेजी का समर्थन मिल रहा है। एलएमई के एक सप्ताह तक चले कार्यक्रम में विश्लेषकों का मानना था कि वैश्विक आर्थिक हालात और मांग में सुधार होगा। (बीएस हिन्दी)

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