14 अक्तूबर 2009
महंगे सोने से बढ़ी डायमंड की चमक
सोने के आसमान छूते भावों से लोगों का रुझान हीरा जड़ित आभूषणों में बढ़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक स्वर्णाभूषणों के कुल कारोबार में हीरा जड़ित आभूषणों की भागीदारी बढ़कर दस फीसदी तक पहुंच गई है। सोना महंगा होने से कीमत के मामले में हीरा अब ग्राहकों को ज्यादा कीमती नहीं लग रहा है। जयपुर के आभूषण विक्रेता आशीष मेघराज के मुताबिक सोना महंगा के बाद से हीर के गहनों के कारोबार में करीब पांच फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वैसे हीरा जड़ित आभूषणों को वापस बेचना आसान नहीं होता। फिर भी सोना महंगा होने के चलते विकल्प के बतौर डायमंड ज्वैलरी का क्रेज बढ़ा है। डायमंड ज्वैलरी के प्रति आकर्षण का एक कारण यह भी है कि हीरे के जेवरों में 18 कैरट सोने का उपयोग होता है जो कि 22 कैरट सोने से सस्ता पड़ता है। इसके अलावा हीर के गहनों में सोना कम लगता है। इससे हीरा जड़ित गहने स्वर्णाभूषणों के रेंज में आ जाते हैं।हीरों के आभूषणों का कारोबार करने वाले के। बी। गोयल ने बताया कि हीर की कीमत क्वालिटी और आकार पर निर्भर करती है। मसलन हीरा जितना बड़ा और चमकीला होगा उसका प्रति कैरट दाम उतना ही ज्यादा होगा। भारत में ज्यादातर हीरे 10,000 से 25,000 रुपए प्रति कैरट कीमत वाले बिकते हैं। वैसे हीर की कीमत पांच हजार रुपये से कई लाख रुपए प्रति कैरट तक हो सकती है। इन दिनों हीर की कीमत लगभग पिछले वर्ष के स्तर पर ही हैं। आभूषण विक्रेता ज्यादातर बेल्जियम कट हीरों की बिक्री करते हैं। इसके अलावा सस्ते हीरों के तौर पर सिंगल कट हीरों का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हीरा खरीदते वक्त इसकी जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए अन्यथा धोखाधड़ी हो सकती है। वैसे हीर की शुद्धता उसकी चमक पर निर्भर करती है। चमक जितनी ज्यादा होगी, शुद्धता भी उतनी ही ज्यादा होगी। इसके अलावा इसके कट पर कीमत निर्भर करती है। दो हीरों को एक साथ रखकर देखने पर फर्क महसूस हो जाता है।आभूषण विक्रेता मोनिका अग्रवाल ने बताया कि आजकल सगाई के समय सोने की बजाय हीर की अंगूठी पहनाने का चलन बढ़ा हैं। इसके अलावा हीर के नेकलेस, ईयर रिंग्स, पेंडेंट, हाथ की चुड़ियां और नाक की लोंग खूब बिकी रही है। बाजार में 1000 रुपए में नाक की लोंग, 2000 से 2500 रुपए में पेंडेंट, 3500 से 4000 रुपए में अंगूठी, 35,000 से 40,000 रुपये में नेकलेस और 20,000 रुपये में हाथ की चूड़ी उपलब्ध हैं। आभूषण विक्रेताओं के अनुसार हीर के गहनों में निवेश करना ज्यादा फायदे का सौदा नहीं है। इसमें बाद में उतनी ही रिटर्न मिल पाता है, जितना मियादी जमाओं से मिलता है। साथ ही पचास सेंट से कम वजन के हीरों को वापस बेचना भी आसान नहीं होता है। (बिज़नस भास्कर)
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