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10 अक्तूबर 2009

गेहूं में रह सकता है तेजी का रुख

आवक घटने और फ्लोर मिलों की मांग बढ़ने से दिल्ली बाजार में पिछले एक महीने में गेहूं की कीमतों में करीब 4.7 फीसदी का सुधार आाया है। हाजिर बाजार में आये सुधार से वायदा में भी गेहूं की कीमतें 4.2 फीसदी बढ़ी हैं। फ्लोर मिलों के पास स्टॉक कम है जबकि इस समय सिर्फ उत्तर प्रदेश से ही गेहूं की आपूर्ति हो रही है। दक्षिण भारत के साथ-साथ गुजरात, पंजाब और हरियाणा की मिलें भी उत्तर प्रदेश से गेहूं खरीद कर रही हैं। केंद्रीय पूल में गेहूं का बंपर स्टॉक मौजूद है लेकिन अभी तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुले बाजार में गेहूं की बिक्री की घोषणा नहीं है। उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूं की आवक पहले की तुलना में घटी है। इसलिए आगामी दिनों में गेहूं की कीमतों में तेजी आ सकती है।वायदा बाजार में भाव बढ़ेनेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में पिछले एक महीने में कोई 4.2 फीसदी की तेजी आई है। इसके भाव चढ़कर 1229 रुपये प्रति क्विंटल हो गये। आठ सितंबर को वायदा में इसके भाव 1179 रुपये प्रति क्विंटल थे। अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में 5,150 लॉट के खड़े सौदे हुए हैं। उत्तर प्रदेश की मंडियों में आवक घटने और दक्षिण के साथ-साथ उत्तर भारत पंजाब और हरियाणा की मांग निकलने से तेजी को बल मिला है।हाजिर बाजार में भी तेजी दिल्ली बाजार में पिछले एक महीने में गेहूं की कीमतों में 4.7 फीसदी की तेजी आकर भाव 1210-1215 रुपये प्रति क्विंटल हो गये। मैसर्स कमलेश कुमार एंड कंपनी के प्रोपराइटर कमलेश जैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश से गेहूं की दैनिक आवक घटकर 10-11 हजार क्विंटल की रह गई है। सितंबर महीने के प्रथम पखवाड़े में दैनिक आवक 14-15 हजार क्विंटल की हो रही थी। उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी गेहूं की आवक पहले की तुलना में घटी है जबकि उतर प्रदेश से दक्षिण भारत के राज्यों में भी हर महीने करीब 35-40 हजार टन गेहूं की सप्लाई हो रही है। त्योहारी सीजन होने के कारण गेहूं उत्पादों आटा, मैदा और सूजी में मांग भी बराबर निकल रही है। उत्तर प्रदेश की मंडियों से दक्षिण भारत के बंगलुरू में गेहूं पहुंच के भाव बढ़कर 1355-1360 रुपये, सेलम के लिए 1360-1365 रुपये और हैदराबाद पहुंच 1320-1325 रुपये प्रति क्विंटल हो गये हैं।आवक घट रही पंजाब और हरियाणा की मंडियों में गेहूं की आवक सीमित मात्रा में हो रही है। भारतीय खाद्य निगम ने कुल खरीद का 70 फीसदी गेहूं पंजाब और हरियाणा से खरीदा था। इसलिए इन राज्यों में स्टॉक न के बराबर बचा हुआ है। इन राज्यों की मिलें उत्तर प्रदेश से गेहूं की खरीद कर रही हैं। हरियाणा और पंजाब की मिलों में दिल्ली से पहुंच गेहूं के सौदे 1240-1260 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं।एफसीआई से बिकवाली नहींभारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अभी खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री शुरू नहीं की है। हालांकि उच्च अधिकार प्राप्त मंत्रिसमूह (ईजीओएम) द्वारा पहले ही खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला किया जा चुका है। लेकिन उक्त गेहूं की बिकवाली किन भाव और कब होगी, इस बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। हाल ही में रोलर फ्लोर मिलर्स फैडरेशन के अधिकारियों ने सरकार से टेंडर के बजाए भाव तय करके गेहूं बेचने की मांग की थी। आल इंडिया रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन आफ इंडिया की सचिव वीणा शर्मा ने बताया कि केंद्रीय पूल में गेहूं का बंपर स्टॉक मौजूद है। इसलिए सरकार को गेहूं की खुले बाजार में बिक्री जल्दी शुरु कर देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि एफसीआई खुले बाजार के लिए गेहूं के जो भाव तय करेगी उसी पर आगामी दिनों में गेहूं की तेजी-मंदी निर्भर करेगी।स्टॉक का हाल केंद्रीय पूल में जुलाई के आखिर में गेहूं का 316 लाख टन का भंडार मौजूदा था। चालू खरीद सीजन में केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1080 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 253 लाख टन गेहूं की रिकार्ड खरीद की है। चालू खरीद सीजन में सरकारी दर पर खरीदे गये गेहूं की इकोनॉमी लागत 1504 रुपये प्रति क्विंटल बैठी है। जबकि 2008-09 में खरीदे गये गेहूं की इकोनॉमी लागत 1392 रुपये प्रति क्विंटल थी।गेहूं की पैदावार बढ़ीकेंद्र सरकार द्वारा जारी चौथे अग्रिम अनुमान के मुताबिक वर्ष 2008-09 में देश में गेहूं की पैदावार 805 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि वर्ष 2007-08 में इसकी पैदावार 785 लाख टन की हुई थी। पहली नवंबर से गेहूं की बुवाई शुरू हो जायेगी। अनुकूल मौसम से चालू रबी सीजन में गेहूं की बुवाई बढ़ने की संभावना है। (बिज़नस भास्कर...आर अस राणा)

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