कुल पेज दृश्य

02 अक्तूबर 2009

नए मार्केटिंग सीजन के लिए 7.5 लाख टन रॉ शुगर आयात

भारतीय चीनी मिलों ने बीते 45 दिनों के दौरान 7.58 लाख टन रॉ शुगर आयात के सौदे किए हैं। यह आयात एक अक्टूबर को शुरू हो रहे चीनी के नए विपणन वर्ष में घरेलू मांग को पूरा करने के लिए किए जाएगा। इससे देश में चीनी की घरेलू बाजार में सप्लाई की जा सकेगी। पिछले मार्च से 30 फीसदी महंगी हो चुकी चीनी की कीमतों पर लगाम लगाई जा सकेगी।खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चीनी मिलों ने रॉ शुगर आयात के लिए 13 अगस्त से 26 सितंबर के बीच आयात संबंधी समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके मुताबिक अक्टूबर-नवंबर के दौरान रॉ शुगर की खेप भारत पहुंच जाएगी। इस अधिकारी ने यह भी बताया कि 13 अगस्त से 26 सितंबर के बीच 525-550 डॉलर प्रति टन की दर से चीनी खरीदने के समझौते हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में इजाफा दुनिया के सबसे बड़े चीनी उपभोक्ता भारत की मांग के कारण हुआ है। भारत अभी चीनी की कमी झेल रहा है। वर्ष 2007-08 में देश में 2 करोड़ 63 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था। वर्ष 2008-09 में सिर्फ 1 करोड़ 50 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। भारत में अभी चीनी की कीमत 2,900 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है। व्यापारियों व विशेषज्ञों का कहना है कि यह कीमत नवंबर के अंत तक 10-15 फीसदी नरम हो सकती हैं।भारतीय खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश में अक्टूबर महीने के लिए घरेलू बाजार का कोटा 18 लाख 50 हजार टन निर्धारित किए गए की संभावना है। इसके पहले सितंबर के लिए 18.30 लाख टन कोटा निर्धारित किया गया था। अमेरिका के आईसीई वायदा कारोबार में रॉ शुगर अक्टूबर वायदा 0.81 सेंट प्रति पाउंड मजबूत हो गई। मार्च शुगर वायदा में 0.84 सेंट का उछाल आया और यह 25.15 सेंट प्रति पाउंड पर पहुंच गया। इस पर एक विश्लेषक ने कहा कि अभी चीनी की कीमतों में और भी मजबूती के रुख होने की संभावना है। मजबूत मांग और आवक कमजोर होने के कारण ऐसा हो सकता है। (बिज़नस भास्कर)

कोई टिप्पणी नहीं: