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05 अक्तूबर 2009

50 प्रतिशत गिर सकता है सोया खली निर्यात

मुंबई October 04, 2009
दिसंबर-09 की तिमाही की समाप्ति तक सोया खली का निर्यात 50 प्रतिशत गिर सकता है।
एशियाई देशों से इसकी मांग में कमी आई है, जो अपने पशुओं के चारे के रूप में इसका इस्तेमाल करते हैं। आयातक देशों ने मंदी की वजह से अपनी मांग कम कर दी है। चालू कैलेंडर वर्ष की अंतिम तिमाही के लिए चीन, जापान, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और थाइलैंड से भारतीय निर्यातकों ने करीब 6.5-7 लाख टन निर्यात के सौदे किए हैं।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक 2008 और 2007 में इस दौरान क्रमश:13.9 लाख टन और 12 लाख टन सोया खली का निर्यात हुआ था। कारोबारियों का कहना है कि पिछले साल सौदे 2 माह पहले हो गए थे। इसके बाद लीमन ब्रदर्स के पिछले साल सितंबर में धराशायी होने के बाद भी निर्यातकों के कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ा।
बहरहाल इस साल की समान तिमाही में आयातकों ने बेरुखी दिखाई है और जनवरी -09 से ही निर्यात में लगातार गिरावट देखी गई है। चालू कैलेंडर साल के पहले 8 महीनों के दौरान निर्यात में 54.55 प्रतिशत की गिरावट आई है और निर्यात पिछले साल की समान अवधि के दौरान 35.2 लाख टन की तुलना में गिरकर 16 लाख टन रह गया है।
सोयाबीन का उप उत्पाद सोया खली है, जो विदेश में जानवरों को चारे के रूप में दिया जाता है। देश में सोयाखली के कुल उत्पादन का करीब 70 प्रतिशत निर्यात होता है। एक निर्यातक ने कहा, 'वैश्विक आर्थिक मंदी के चलते जानवरों के चारे पर खर्च विदेश में कम हुआ है। जब तक आर्थिक मंदी पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाती, यह स्थिति बनी रहेगी। सोयाखली का निर्यात पूरी तरह से आर्थिक मंदी से जुड़ा हुआ है।'
कम बुआई के चलते ज्यादा कीमतों की उम्मीद में स्थानीय कारोबारियों ने बड़े पैमाने पर स्टॉक जमा कर रखा है। बहरहाल, खली का उत्पादन चालू खरीफ सत्र की फसलें तैयार होने के बाद बढ़ेगा। उद्योग जगत का अनुमान है कि 8 लाख टन अग्रिम स्टॉक है, जो बाजार में आएगा तो कीमतों पर असर पड़ेगा।
भारत में सोयाबीन का उत्पादन इस साल 1 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल 0.89 करोड़ टन उत्पादन हुआ था। यूएसडीए के हालिया आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक और निर्यातक देश अमेरिका में इस साल उत्पादन रिकॉर्ड 8.8 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में 9.7 प्रतिशत ज्यादा है।
इस साल अर्जेंटीना और ब्राजील में सूखे के चलते फसलों पर बुरा असर पड़ा है, जो दुनिया के दूसरे और तीसरे बड़े सोयाबीन उत्पादक हैं। पिछले साल सोयाबीन की खली की कीमतों में 16 प्रतिशत की कमी आई थी, जो अमेरिका में उत्पादन बढ़ने से और गिर सकती हैं।
दिसंबर डिलिवरी वाले सोया खली की कीमतें शिकागो में गिरकर 278.50 डॉलर प्रति टन हो गई हैं, जो हाल ही में 360-365 डॉलर प्रति थीं।
मांग में कमी
मंदी के चलते एशियाई देशों में सोया खली की मांग घटीसाल की शुरुआत से ही जारी है गिरावट का दौरदुनिया के सबसे बड़े उत्पादक अमेरिका में उत्पादन बढने के आसारब्राजील और अर्जेंटीना में सूखे से फसल प्रभावित (बीएस हिन्दी)

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