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31 मई 2010

कमोडिटी ट्रैकर

निर्यात मांग कमजोर होने से ग्वार गम और ग्वार की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। इस समय उत्पादक मंडियों में करीब 35-40 लाख बोरी ग्वार और करीब 90 हजार टन ग्वार गम का स्टॉक बचा हुआ है। यूरोप में आर्थिक संकट के कारण से ग्वार गम की निर्यात मांग घट गई है तथा चीन और अमेरिका की मांग में भी कमी आई है। अच्छी बारिश की संभावना से ग्वार चूरी और कोरमा की मांग भी कमजोर है। ऐसे में आगामी दिनों में ग्वार और ग्वार गम की मौजूदा कीमतों में मंदा आने की संभावना है। निवेशकों की मुनाफावसूली आने से पिछले चार-पांच दिनों में एनसीडीईएक्स पर ग्वार और गम की कीमतों में क्रमश: 4 और 3.7 फीसदी का मंदा आया है। एनसीडीईएक्स पर जून महीने के वायदा अनुबंध में ग्वार के दाम 26 मई को 2,408 रुपये और ग्वार गम के भाव 5,192 रुपये प्रति क्विंटल थे। शनिवार को जून महीने के वायदा अनुबंध में ग्वार के दाम घटकर 2,308 रुपये और ग्वार गम के 4,998 रुपये प्रति क्ंिटल रह गए। घरेलू बाजार में ग्वार की नई फसल की बुवाई जून-जुलाई में होगी। मौसम विभाग सामान्य मानसून की भविष्यवाणाी कर रहा है इसीलिए ग्वार और ग्वार गम की कीमतों में मंदे का रुख बनना शुरू हो गया है। अप्रैल और मई में हमार यहां से करीब 50 हजार टन ग्वार गम का निर्यात हुआ है तथा इस दौरान करीब 10-12 हजार टन ग्वार गम की घरेलू खपत हुई। यूरोप में आर्थिक संकट के कारण चालू महीने में नए सौदों में कमी आई है, साथ ही अमेरिका और चीन की मांग भी पहले की तुलना में कम हुई है। जबकि घरेलू बाजार में ग्वार और ग्वार गम का स्टॉक अच्छा है। प्रमुख उत्पादक राज्यों राजस्थान और हरियाणा की मंडियों में इस समय 35-40 लाख बोरी ग्वार का स्टॉक बचा हुआ है। मिलों के पास भी ग्वार गम का स्टॉक करीब 90 हजार टन का है। अंतरराष्ट्रीय मांग में कमी को देखते हुए अक्टूबर में आने वाली नई फसल तक ग्वार गम का निर्यात घटकर 70 से 75 हजार टन ही होने की संभावना है। इसीलिए मौजूदा कीमतों में मंदे की उम्मीद है। एपीडा द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2008-09 में देश से ग्वार उत्पादों के निर्यात में 22.4 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 258,567 टन का हुआ था। जोधपुर में ग्वार के प्लांट डिलीवरी भाव घटकर 2,380 रुपये और ग्वार गम के 5,100 रुपये प्रति `िंटल रह गए। पिछले तीन-चार दिनों में इसकी कीमतों में क्रमश: 100 और 200 रुपये प्रति `िंटल का मंदा आया है। इस समय राजस्थान में मिलों में ग्वार की क्रशिंग बंद हो चुकी है। केवल हरियाणा की कुछ मिलें ही चल रही हैं। बारिश अच्छी होने से हर चार की उपलब्धता बनने के बाद चूरी और कोरमा की मांग भी कम हो जाएगी है। जिससे ग्वार और गम की कीमतों में मंदा आएगा। इस समय कोरमा का भाव 1,060 रुपये और चूरी का भाव 850 रुपये प्रति 75 किलो है।rana@businessbhaskar.netबात पते कीयूरोप में आर्थिक संकट के कारण से ग्वार गम की निर्यात मांग घट गई है तथा चीन और अमेरिका की मांग में भी कमी आई है। अच्छी बारिश की संभावना से ग्वार चूरी और कोरमा की मांग भी कमजोर है। (बिज़नस भास्कर....आर अस रना)

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