05 मई 2010
गेहूं की धीमी खरीद से लक्ष्य पूरा होना कठिन
गेहूं की सरकारी खरीद चालू सीजन में बढ़कर 202 लाख टन तक पहुंच गई है लेकिन पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले खरीद धीमी ही है। पिछले साल इस समय तक 203।67 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी। उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक घटने और प्राइवेट खरीददारों की खरीद बढ़ने से सरकारी खरीद धीमी पड़ गई है। इससे 263 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा होना मुश्किल लग रहा है। गेहूं की कुल खरीद में 85 फीसदी योगदान देने वाले राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में खरीद घट रही है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार पंजाब की मंडियों से 99.19 लाख टन गेहूं की ही खरीद हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 102.12 लाख टन की खरीद हो चुकी थी। इसी तरह से हरियाणा की मंडियों से अभी तक 62.25 लाख टन ही गेहूं खरीदा गया है जबकि पिछले साल इस समय तक 66.12 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी। उत्तर प्रदेश की मंडियों से मात्र 7.73 लाख टन गेहूं ही खरीदा गया है जो पिछले साल की समान अवधि के 13.06 लाख टन से कम है।मध्य प्रदेश में जरूर खरीद में बढ़ोतरी हुई है। मध्य प्रदेश की मंडियों से चालू खरीद सीजन में 34.71 लाख टन रिकार्ड खरीद हो चुकी है। पिछले साल इस समय तक मात्र 12.52 लाख टन गेहूं ही खरीदा गया था। चालू विपणन सीजन 2010-11 में भारतीय खाद्य निगम ने 263 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है जो पिछले साल के 253.81 लाख टन से ज्यादा है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2009-10 में देश में 802 लाख टन गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान है जो पिछले साल के 806 लाख टन से कम है।बात पते कीउत्पादक मंडियों में दैनिक आवक घटने और प्राइवेट खरीदारों की खरीद बढ़ने से सरकारी खरीद धीमी पड़ गई है। इससे 263 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा होना मुश्किल लग रहा है। (बिज़नस भास्कर...आर अस राणा)
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