11 मई 2010
कॉपर, निकिल और लेड के मूल्य में सुधार दर्ज
ग्रीस संकट से निपटने के लिए विशालकाय वित्तीय पैकेज दिए जाने के बाद बेसमेटल्स में आ रही गिरावट रुक गई और तेजी का दौर बनने लगा। सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में निकिल और कॉपर के दाम चार फीसदी बढ़ गए। इसी तरह अल्यूमीनियम दो फीसदी और लेड की कीमतों में छह फीसदी की तेजी आई। सोमवार लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में निकिल तीन माह अनुबंध के दाम 22,220 डॉलर से बढ़कर 23,250 डॉलर, कॉपर के दाम 6919 डॉलर से बढ़कर 7204 डॉलर, अल्यूमीनियम के दाम 2091।5 डॉलर से बढ़कर 2138 डॉलर और लेड के दाम 2008 डॉलर से बढ़कर 2120 डॉलर प्रति टन हो गए। घरलू बाजार में भी इनकी कीमतों में तेजी रुख रहा। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में निकिल मई वायदा 2.43 फीसदी बढ़कर 1041.30 रुपये, कॉपर जून वायदा 1.37 फीसदी बढ़कर 321.10 रुपये, अल्यूमीनियम मई वायदा 0.74 फीसदी बढ़कर 95.20 रुपये और लेड जून वायदा 1.93 फीसदी बढ़कर 95 रुपये प्रति किलो हो गए। हाजिर बाजार में भी मेटल की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। मेटल विश्लेषक अभिषेक शर्मा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि बीते दिनों में ग्रीस आर्थिक संकट की वजह कारोबारियों ने मेटल में निवेश से हाथ खींच लिया था। इस वजह से सभी बेसमेटल्स में 15-20 फीसदी तक की गिरावट आई थी, लेकिन सोमवार को ग्रीस को आर्थिक संकट से उबारने के लिए राहत पैकेज की घोषणा के बाद अंतरराष्ट्रीय और घरलू दोनो बाजारों में मेटल की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। कारोबारियों के मुताबिक आगे इसकी कीमतों में तेजी बरकरार रहने की संभावना है। इसकी वजह धातुओं की मांग अधिक रहना है। हालांकि यूरो के डॉलर के मुकाबले कमजोर होने का असर भी मेटल की कीमतों पर देखा जा सकता है। फिर लंबे समय की बात करं तो मेटल में तेजी के आसार हैं। इंटरनेशनल निकिल स्टडी ग्रुप (आईएनएसजी) के मुताबिक वर्ष 2010 के दौरान निकिल की खपत 12 फीसदी बढ़कर 13.9 लाख टन होने की संभावना है। इसकी वजह स्टील सेक्टर में निकिल की मांग काफी होना है। अल्यूमीनियम की मांग इस साल 12 फीसदी अधिक रहने का अनुमान है। जानकारों का कहना है ऑटो सेक्टर में जबरदस्त बूम के कारण कॉपर, अल्यूमीनियम और लेड की मांग खूब निकल रही है। मालूम हो कि इन धातुओं को ऑटो सेक्टर में काफी उपयोग होता है। (बिज़नस भास्कर)
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