20 मई 2010
गेहूं के निर्यात पर लगी रोक हटाने पर विचार
सरकार ने आज कहा है कि वह तीन साल से गेहू निर्यात पर लगी रोक हटाने पर विचार कर रही है। इस साल गोदामों में गेहूं का रिकॉर्ड स्टॉक जमा होने के कारण सरकार रोक हटाने के बार में सोच सकती है।केंद्रीय पूल में रिकॉर्ड गेहूं स्टॉक होने के कारण निर्यात की अनुमति के सवाल पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में वाणिज्य मंत्री राहुल खुल्लर ने कहा कि इस मसले पर विचार किया जा रहा है। सरकार ने 2007 के शुरू में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी। उस साल सरकार को बफर स्टॉक आवश्यकता पूरी करने के लिए गेहूं का आयात करना पड़ा था। वर्ष 2009-10 के दौरान दुनिया के दूसर सबसे उत्पादक देश भारत में 809।8 लाख टन गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 806.8 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।पिछले अप्रैल से शुरू हुए मार्केटिंग सीजन के दौरान देश में 219.7 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है। जबकि पिछले साल समान अवधि में 228.4 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। इस तरह चालू सीजन में गेहूं खरीद चार फीसदी कम है। पिछले साल 254 लाख टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीद की गई थी। खाद्य एवं कृषि मंत्री शरद पवार ने इस महीने के शुरू में कहा था कि चालू सीजन में 245-250 लाख टन गेहूं की खरीद होने की संभावना है। गेहूं की खरीद इस साल मामूली तौर पर भले ही कम हो लेकिन केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक बफर नियमों से कई गुना ज्यादा है। यही वजह है कि सरकार निर्यात पर रोक हटाने पर विचार कर रही है। हालांकि गेहूं के निर्यात पर अभी रोक लगी हुई है। लेकिन सरकार ने राजनयिक माध्यम से सीमित मात्रा में गेहूं पड़ोसी और अफ्रीकी देशों को निर्यात करने की अनुमति दी है। (बिज़नस भास्कर)
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