26 मई 2010
चाय का उत्पादन बढ़ने से थोक मूल्य में आई कमी
चाय का उत्पादन बढ़ने के कारण इसकी थोक कीमतों में गिरावट आने लगी है। इसके कारण महंगी चाय से परशान उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद बनी है। इस माह चाय के दाम नीलामी और थोक कारोबार में सात फीसदी तक घट चुके हैं। लेकिन अभी फुटकर खासकर पैक बंद चाय के दाम अभी घटे नहीं हैं। कारोबारियों के मुताबिक आगे इसकी कीमतांे में और गिरावट आ सकती है। चाय उत्पादक इलाकों कोलकाता में इसके दाम 113 रुपये से घटकर 105 रुपये, गुवाहाटी में 110 रुपये से घटकर 100 रुपये, सिलीगुडी में 112 रुपये से घटकर 98 रुपये और कुन्नूर में 68 रुपये से घटकर 60 रुपये प्रति किलो रह गए हैं। वहीं दिल्ली में असम चाय के दाम 10 से 15 रुपये घटकर 130-150 रुपये और कुन्नूर चाय के दाम 10 रुपये घटकर 70-90 रुपये प्रति किलो रह गए हैं। इंडियन टी एसोसिएशन के डायरक्टर कमल वाहिदी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चाय उत्पादन बढ़ने की वजह से इसकी कीमतों में गिरावट आने लगी है। थोक में इसके दाम सात फीसदी तक घट चुके हैं। उनका कहना है कि नवंबर और दिसंबर के दौरान चाय उत्पादक इलाकों में अच्छी बारिश हुई थी। इससे चाय बागानों को खासा फायदा हुआ और चाय पत्तियों का विकास तेज हो गया। इसका असर यह रहा कि चाय का उत्पादन पहले तीन माह के दौरान करीब 15 फीसदी बढ़ गया। भारतीय चाय बोर्ड के अनुसार जनवरी-मार्च में 9.40 करोड़ किलो चाय का उत्पादन हुआ है। पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 8.18 करोड़ किलो पर था। दिल्ली के चाय कारोबारी राकेश तायल के अनुसार नई सप्लाई से चाय की कीमतों में कमी आई है। आने वाले दिनों में चाय की कीमतों में और नरमी के आसार हैं। कमल वाहिदी का कहना है कि देश में 60 फीसदी से अधिक चाय का उत्पादन जुलाई-सितंबर के दौरान होता है। ऐसे में आने वाले महीनों में उत्पादन और बढ़ सकता है। इससे दाम और घट सकते हैं। जानकारों के मुताबिक जुलाई के बाद चाय कंपनियां भी ब्रांडेड चाय के दाम घटा सकती हैं। मालूम हो कि पिछले साल मौसम अनुकूल न रहने के कारण सीजन के शुरूआती महीनों में चाय के उत्पादन में गिरावट आई थी जिससे इसके दाम काफी बढ़ गए थे। हालांकि बाद में उत्पादन सुधरने से कैलेंडर वर्ष 2009 के दौरान चाय उत्पादन दो फीसदी घटकर 97.90 करोड़ किलो रहा। लेकिन चाय के नीलामी भाव करीब 22 फीसदी और खुदरा बाजार में इसके दाम 30 फीसदी से अधिक बढ़ गए।बात पते कीदेश में 60फीसदी से अधिक चाय का उत्पादन जुलाई-सितंबर के दौरान होता है। ऐसे में आने वाले महीनों में उत्पादन और बढ़ सकता है। जुलाई के बाद कंपनियां भी ब्रांडेड चाय के दाम घटा सकती हैं। (बिज़नस भास्कर....)
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