भोपाल May 22, 2010
मध्य प्रदेश के डॉलर चने की विदेशों में मांग पिछले वर्षों की तुलना में अधिक दर्ज की गई है।
इस वर्ष मांग पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 60 से 70 फीसदी बढ़ी हुई है। इसका प्रमुख कारण प्रदेश में डॉलर चने के उत्पादन में बढ़ोतरी को बताया जा रहा है। उत्पादन बढ़ने से पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष डॉलर चने के मूल्य में भी प्रति क्विंटल लगभग 1000 रुपये की कमी देखी जा रही है।
कमी के चलते इस वर्ष डॉलर चने का मूल्य 3600-3800 रुपये ही रह गया है, जोकि पिछले वर्ष 4700-4800 रुपये था। उल्लेखनीय है प्रदेश के डॉलर चने का भारी मात्रा में विदेशों में निर्यात किया जाता है। निर्यात किये जाने वाले देशों में पाकिस्तान, श्रीलंका, तुर्की, अल्जीरिया, दुबई और कई खाड़ी देश प्रमुख हैं।
इन सभी देशों को डॉलर चने के अन्य निर्यातक देशों की तुलना में भारत से सस्ते दाम में डॉलर चना उपलब्ध हो जाता है। इस वर्ष भी डॉलर चने के प्रदेश में सस्ते होने के कारण आयातक देशों की मांग बढ़ी हुयी है। इसके चलते इस वर्ष डॉलर चने का विदेशों में आयात लगभग 6500-7500 कंटेनर हो गया है जोकि पिछले वर्ष लगभग 4000-4500 कंटेनर था।
प्रत्येक कंटेनर में 240 क्विंटल का होता है। उल्लेखनीय है कि पूरे देश का लगभग 65 से 70 फीसदी डॉलर चना उत्पादन मध्यप्रदेश में ही होता है। प्रदेश में देवास, इंदौर, रतलाम, शाजापुर, धार, नीमच, सीहोर और उौन में अधिक मात्रा में डॉलर चने के उत्पादक क्षेत्र हैं। इस वर्ष प्रदेश में डॉलर चने का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 40 से 45 फीसदी अधिक हुआ है।
पिछले वर्ष जहां डॉलर चने का प्रदेश में उत्पादन 2.5 लाख टन के आस-पास था वहीं इस वर्ष उत्पादन बढ़कर लगभग 3.5 से 4 लाख टन तक पहुंच गया है। हालाकि उत्पादन के बढ़ने से प्रदेश में इस वर्ष आयात किये जाने वाले डॉलर चने के मूल्य में कमी आई है। इसके चलते प्रति क्विंटल डॉलर चने में लगभग 1000 रुपये की कमी देखी जा रही है। मूल्य में कमी को भी आयात बढ़ने का एक कारण माना जा रहा है।
इस संबंध में इंद्रप्रस्थ फूड लिमिटेड (देवास) के मालिक और डॉलर चने के वितरक दिलीप अग्रवाल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस वर्ष प्रदेश के डॉलर चने की विदेशी मांग में काफी उछाल देखी जा रही है। मांग में तेजी का कारण प्रदेश में डॉलर चने का सस्ता होना है।
हांलाकि सरकार की ओर से बहुत अधिक सहायता नहीं दी जा रही है। सरकार की तरफ से डॉलर चने पर 2.20 फीसदी मंडी कर लगाया जा रहा है। सरकार अगर इस कर को खत्म कर दे तो डॉलर चने की विदेशी मांग में और बढ़ोत्तरी की जा सकती है।
इस संबंध में इंदौर के डॉलर चने के कारोबारी सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि डॉलर चने की मांग में काफी बढ़ोतरी हुई है। देश ही नहीं विदेशों में भी इसका काफी मात्रा में आयात किया जा रहा है।
हालाकि सरकार द्वारा विशेष कृषि उपज योजना के तहत आयात इंसेंटिव कम कर देने से भविष्य में आयात में कमी आ सकती है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने विशेष कृषि उपज योजना के तहत आयात इंसेंटिव को 5 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया है।
मध्यप्रदेश के डॉलर चने की मांग 60-70 फीसदी बढ़ी
उत्पादन में भी 40-45 फीसदी हुई बढ़ोतरीउत्पादन बढ़ने से भाव में 1,000 रुपये प्रति क्ंविटल की आई कमीदेश में डॉलर चने के कुल उत्पादन का 65-70 फीसदी एमपी से आता है पाकिस्तान, श्रीलंका, तुर्की, अल्जीरिया, दुबई और खाड़ी देशों को होता है चने का निर्यात (बीएस हिंदी)
24 मई 2010
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