07 मई 2010
पंजाब हरियाणा में कपास का रकबा बढ़ने की संभावना
आगामी ख्ररीफ सीजन में पंजाब और हरियाणा में कपास की बुवाई का एरिया 10 से 15 फीसदी बढ़ने की संभावना है। इस साल बेहतर मूल्य मिलने के कारण किसान कपास की खेती में ज्यादा दिलचस्पी लेंगे। ये दोनों राज्य देश के कपास उत्पादन में करीब 12 फीसदी का योगदान करते हैं। पंजाब में अगले सीजन के दौरान म्।ब्क् लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में कपास की बुवाई होने की संभावना है। जबकि हरियाणा में लगभग छह लाख हैक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई हो सकती है। पिछले साल पंजाब में भ्.9क् लाख हैक्टेयर और हरियाणा में म्.ख्9 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई की गई थी। इन राज्यों में कपास की बुवाई अप्रैल और मई के महीनों के दौरान होती है। अगले सीजन में कपास की पैदावार में फ्म् से ब्क् फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है। पंजाब में फ्म् लाख गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) और हरियाणा में फ्फ्.त्तस्त्र लाख गांठ कपास का उत्पादन होने की संभावना है।अगले सीजन में कपास के क्षेत्रफल में वृद्धि होने का कारण पिछले साल किसानों को अच्छे दाम का मिलना बताया जा रहा है। इसी कारण किसानों का झुकाव कपास की ओर बढ़ा है। विश्लेषकों का मानना है कि पिछले साल कपास के मूल्य में फ्क् फीसदी का इजाफा हुआ था। अगले सीजन में बीटी कॉटन की बुवाई का एरिया और बढ़ सकता है। कंपनियों ने बीजों के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं है। पंजाब और हरियाणा में बीटी-1 बीज त्तम्क् रुपये और बीटी-2 बीज 9फ्म् रुपये प्रति पैकेट की दर से उपलब्ध हैं। दोनों राज्यों में लगभग भ्भ् लाख पैकेटों की बिक्री होने की उम्मीद है। इन दोनों राज्यों में 95 फीसदी बीटी कॉटन के बीजों की बुवाई हो सकता है। (बिज़नस bhaskar)
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