13 मई 2010
रिकॉर्ड गेहूं होने के बावजूद खाद्यान्न उत्पादन रहेगा कम
नई दिल्ली : देश के खाद्यान्न उत्पादन में इस साल करीब सात फीसदी की गिरावट आने की आशंका है। पिछले साल चावल और मोटे अनाजों के उत्पादन पर सूखे की वजह से पड़े असर से इस साल गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार के बावजूद कुल खाद्यान्न उत्पादन में गिरावट आ सकती है। पैदावार पर तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक, साल 2009-10 में खाद्यान्न उत्पादन 21।89 करोड़ टन रह सकता है। साल 2008-09 के लिए फसलों के उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान 22.98 करोड़ टन का था। मौजूदा अनुमान इस साल के लिए तय किए गए उत्पादन लक्ष्य से करीब दो करोड़ टन कम है। फसलों के उत्पादन के तीसरे अनुमान अमूमन मई की शुरुआत में जारी किए जाते हैं। इन्हें पूरे साल के लिए फसलों के उत्पादन का पहला आधिकारिक अनुमान माना जाता है। इनमें रबी और खरीफ दोनों सीजन की फसलों के अनुमान शामिल होते हैं। रबी फसलों का मार्केटिंग सीजन इस वक्त चल रहा है। रबी और खरीफ दोनों फसलों में चावल उत्पादन कुल मिलाकर 8.931 करोड़ टन रह सकता है, जो पिछले साल की इसी अवधि के 9.937 करोड़ टन और 9.918 करोड़ टन के अंतिम अनुमान से कम है। मोटे अनाज का उत्पादन पिछले साल के 4.003 करोड़ टन के मुकाबले 3.313 करोड़ टन रह सकता है। इन आंकड़ों ने अब पूरा ध्यान मौसम विभाग के जून में जारी किए जाने वाले विस्तृत मानसून अनुमान पर केंद्रित कर दिया है। खास तौर पर ऐसे वक्त में जब सरकार खाद्य सुरक्षा कानून लाने पर विचार कर रही है। कम अनाज सरकार की इस योजना को अधर में लटका सकता है। जून के मानसून अनुमान का पूरे साल देश के कृषि सेक्टर के कई पहलुओं पर असर होने का अंदाजा है। सरकार अभी भी गेहूं के निर्यात को खोलने, इसके आयात पर शुल्क लगाने, गैर-बासमती चावल के निर्यात की इजाजत देने, रिफाइंड और कच्ची चीनी के आयात पर शुल्क लगाने और चीनी वायदा कारोबार पर लगी रोक हटाने जैसे अहम फैसले पर सोच रही है। अच्छे मानसून से पैदावार बेहतर होगी। इससे खाद्य महंगाई दर भी काबू में आएगी। हालांकि गर्मियों की अगली फसल के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं, ऐसे में केंद जून में मौसम विभाग के आने वाले विस्तृत मानसून अनुमान का इंतजार कर रहा है ताकि इससे जुड़ी नीतियों को अंतिम रूप दिया जा सके। तीसरे फसल उत्पादन अनुमान में गिरावट इस साल गेहूं के रिकॉर्ड 8.09 करोड़ टन उत्पादन के बावजूद है। पिछले साल की इसी अवधि में गेहूं का उत्पादन 7.76 करोड़ टन होने का अंदाजा लगाया गया था। (इत हिंदी)
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