मुंबई May 12, 2010
दुनिया में कच्चे हीरे के खनन की सबसे बड़ी कंपनी डी बीयर्स ने बढ़ती वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए इस साल हीरे का उत्पादन 26 फीसदी बढ़ाने की योजना बनाई है।
अमेरिकी और एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में सुधार के चलते हीरे की मांग बढ़ रही है। विश्लेषकों का मानना है कि हीरे की कीमतों में और तेजी आएगी। एक ईमेल के जवाब में कंपनी के प्रवक्ता ने 2010 में कच्चे हीरे का उत्पादन 310 लाख कैरेट रहने का अनुमान लगाया है।
पिछले साल उत्पादन 246 लाख कैरेट रहा था। 2011 तक कंपनी कुल उत्पादन 400 लाख कैरेट तक बढ़ाना चाहती है। 2009 की शुरुआत में मांग में कमी को देखते हुए डी बीयर्स ने नाटकीय रूप से अपनी खानों में हीरे का उत्पादन घटा दिया था। इससे उत्पादन 2008 के मुकाबले उत्पादन कम हो गया था। पर, 2009 की दूसरी छमाही में मांग में धीरे-धीरे सुधार हुआ और इस दौरान कंपनी का उत्पादन 180 लाख कैरेट रहा।
पहली छमाही की तुलना में उत्पादन में 173 फीसदी की बढ़त रही। 2008 की दूसरी छमाही में डी बीयर्स का कुल उत्पादन 240 लाख कैरेट रहा। साल 2009 में कुल उत्पादन 246 लाख कैरेट रहा। 2008 के मुकाबले उत्पादन में 49 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई।
कच्चे हीरे के वैश्विक उत्पादन में डी बीयर्स की हिस्सेदारी करीब 45 फीसदी है और सबसे ज्यादा करीब 40 भारतीय कारोबारियों को हीरे की आपूर्ति करती है। आभूषण निर्माण की जरूरतों के मुताबिक भारतीय आयातक हीरे की कटाई और पॉलिशिंग का काम करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक संख्या के हिसाब से 92 फीसदी और मूल्य के हिसाब से 60 फीसदी कच्चे हीरे की कटाई का काम भारत में होता है।
हालांकि घरेलू मांग में बढ़ोतरी की वजह से भरतीय उपभोक्ताओं को बढ़ती कीमतों से कोई सुरक्षा मिलने की उम्मीद नहीं है। सोने के चढ़ते दामों के चलते ग्राहक सोने के आभूषणों के बजाए कम दाम वाले हीरे के आभूषण खरीद रहे हैं। साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार से कच्चे हीरे की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, 'खनन कंपनियों ने 2008 और 2009 के बाजार रुझानों को देखते हुए अपनी उत्पादन योजनाओं में बदलाव किए हैं। मांग में सुधार हुआ है, लिहाजा कीमतों और उत्पादन लक्ष्यों में उसी हिसाब से तय किए गए हैं।'
गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन मेहुल चौकसी का कहना है कि साल के बाकी समय में भी कीमतों का बढ़ना जारी रहेगा और ये मौजूदा स्तर से 70 फीसदी तक ऊपर जा सकती हैं।
वैश्विक मांग को देखते हुए डी बीयर्स ने बनाई योजना
2010 में डी-बीयर्स ने हीरों का उत्पादन 310 लाख कैरेट रहने का अनुमान लगाया हैपिछले साल उत्पादन 246 लाख कैरेट था, जबकि 2011 तक कंपनी अपना उत्पादन 400 लाख कैरेट तक बढ़ाना चाहती है70 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं कीमतें (बीएस हिंदी)
12 मई 2010
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