नई दिल्ली। पिछले साल मानसून के दगा देने से देश में खाद्यान्नों के उत्पादन को झटका लगा है। कृषि उत्पादन के बारे में बुधवार को जारी तीसरे अग्रिम अनुमानों के मुताबिक वर्ष 2009-10 के खाद्यान्न उपज में इससे पिछले वर्ष की तुलना में 6.95 प्रतिशत की कमी आई है। हालांकि इस दौरान गेहूं का उत्पादन रिकार्ड 8.09 करोड़ टन रहने का अनुमान है। पिछले साल देश के आधे हिस्से में पड़े सूखे की वजह से खाद्यान्न उत्पादन घटा है।
तीसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार वर्ष 2009-10 में खाद्यान्न उत्पादन 21.81 करोड़ टन रहने का अनुमान है। इससे पूर्व वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन का यह आंकड़ा 23.44 करोड़ टन था। खाद्यान्न उत्पादन में यह गिरावट मुख्य रूप से चावल और मोटे अनाजों की पैदावार में कमी के चलते आई। इस दौरान चावल का उत्पादन 10 तथा मोटे अनाजों का 17 फीसदी कम रहा। कुल खाद्यान्न उत्पादन में गेहूं, चावल, दालों और मोटे अनाजों को शामिल किया जाता है।
पिछले खरीफ सत्र [जून से सितंबर] के दौरान चावल उत्पादन घटकर 8.93 करोड़ टन रहने का अनुमान है। वर्ष 2008-09 के सत्र में देश का चावल उत्पादन 9.91 करोड़ टन था। हालांकि अग्रिम अनुमानों के अनुसार रबी सत्र [अक्टूबर-जून] के दौरान गेहूं का उत्पादन वर्ष 2009-10 में इससे पिछले साल के आंकड़ों से आगे निकल जाएगा। समीक्षाधीन वर्ष में गेहूं का उत्पादन 8.09 करोड़ टन रहने का अनुमान है। इससे पिछले सत्र में यह आंकड़ा 8.06 करोड़ टन था।
हालांकि फरवरी, 2010 में जारी दूसरे अग्रिम अनुमानों की तुलना में तीसरे में खाद्यान्न का उत्पादन अधिक रहने की उम्मीद लगाई गई है। अग्रिम अनुमानों के अनुसार वर्ष 2009-10 में मोटे अनाजों का कुल उत्पादन घटकर 3.31 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जबकि इससे पिछले सत्र में यह 4 करोड़ टन रहा था। हालांकि सत्र के दौरान दालों के उत्पादन में मामूली बढ़ोतरी का अनुमान है। वर्ष 2009-10 में दालों का उत्पादन मामूली सुधार के साथ 1.47 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2008-09 के फसल सत्र में दालों का उत्पादन 1.45 करोड़ टन था।
पिछले फसल वर्ष में तिलहन उत्पादन में भी गिरावट आने और इसके 2.54 करोड़ टन रहने का अनुमान है। वर्ष 2008-09 में 2.77 करोड़ टन तिलहन की पैदावार हुई थी। सत्र के दौरान गन्ना उत्पादन घटकर 27.46 करोड़ टन रहने का अनुमान है। वर्ष 2008-09 में यह आंकड़ा 28.5 करोड़ टन था।
सरकार ने दूसरे की तुलना में तीसरे अग्रिम अनुमान में गेहूं और चावल उत्पादन के आकलन को बढ़ाया है। वहीं तिलहन उत्पादन के अनुमान को घटाया गया है। गेहूं के उत्पादन के अनुमान को 8।02 करोड़ टन से बढ़ाकर 8.09 करोड़ टन किया गया है। जबकि चावल के उत्पादन अनुमान को 8.75 करोड़ टन से बढ़ाकर 8.93 करोड़ टन किया गया है। दूसरे अग्रिम अनुमान में खाद्यान्न उत्पादन 21.68 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया गया था। इसे तीसरे अग्रिम अनुमान में बढ़ाकर 21.81 करोड़ टन किया गया है। (दैनिक जागरण)
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