नई दिल्ली May 05, 2010
हल्दी एवं काली मिर्च की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। गत 45 दिनों में हल्दी के दाम में 60 फीसदी तो काली मिर्च में 30 फीसदी की बढ़ोतरी आ चुकी है।
इस दौरान जीरे के भाव में भी 9-10 रुपये प्रति किलोग्राम तक की तेजी दर्ज की गई है। हालांकि अच्छे उत्पादन के समर्थन से धनिया के भाव में 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आई है। गर्मी का मौसम होने से गरम मसालों के भाव में भी नरमी का रुख है।
मसाला कारोबारियों के मुताबिक हल्दी के भाव गत 15 मार्च को 110 रुपये प्रति किलोग्राम थे जो कि अब 180-82 रुपये प्रति किलोग्राम हो चुके हैं। वैसे ही काली मिर्च की कीमत इस दौरान 130 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 170 रुपये के स्तर पर पहुंच गई है।
कारोबारियों के मुताबिक हल्दी की फसल इस साल अच्छी रही है, लेकिन निर्यात मांग के कारण इसकी कीमतें लगातार तेज हो रही हैं। हल्दी का इन दिनों जापान में निर्यात किया जा रहा है। इसका उत्पादन मुख्य रूप से महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में होता है।
काली मिर्च में तेजी के बाद वियतनाम एवं ब्राजील से इसकी निर्यात मांग कम हो गई है। मसाला व्यापारियों के मुताबिक काली मिर्च के उत्पादन में इस साल 10 फीसदी तक की कमी है। इस लिहाज से कीमत भी 10-15 फीसदी तक अधिक होनी चाहिए, लेकिन कीमत में 30 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
फरवरी आखिर में काली मिर्च के भाव 120-125 रुपये प्रति क्विंटल थे। मसाला के थोक कारोबारी ललित गुप्ता कहते हैं, 'हल्दी एवं काली मिर्च में इस प्रकार की बेतहाशा बढ़ोतरी के लिए वायदा कारोबार भी जिम्मेदार है।'
हल्दी एवं काली मिर्च में भारी उछाल के विपरीत धनिया के भाव पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी तक गिर चुके हैं। पिछले साल नई फसल के बाद धनिया की कीमत 60-65 रुपये प्रति किलोग्राम चल रही थी। इस साल यह कीमत 35-40 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर है।
लाल मिर्च में भी नरमी का रुख है। इसकी कीमत पिछले साल मई माह के आरंभ में 80 रुपये प्रति किलोग्राम थी जो कि फिलहाल 60 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास है। मसाला कारोबारियों के मुताबिक गर्मी में मसाले की मांग कम हो जाती है। ऐसे में निर्यात मांग एवं कृत्रिम तेजी की बदौलत ही मसालों में गर्मी आ सकती है।
तेजी जारी
पिछले 45 दिन में हल्दी के दाम 60 प्रतिशत और काली मिर्च के दाम 30 प्रतिशत बढ़े हैं जीरे की कीमतों में 10 रुपये किलो की तेजीअच्छे उत्पादन की आस से धनिया लुढ़काकाली मिर्च के निर्यात में भी आई कमी (बीएस हिंदी)
05 मई 2010
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