24 मई 2010
कृषि उत्पादकता बढ़ाना जरूरी-मनमोहन
प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने सोमवार को कहा कि देश में 10 प्रतिशत की उच्च आर्थिक आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए पूरे निश्चय के साथ कृषि उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास जरूरी है।सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में अपनी दूसरी पारी के एक वर्ष पूरा होने पर यहाँ आयोजित राष्ट्रीय संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमारा मध्यावधिक लक्ष्य प्रति वर्ष 10 फीसद की वृद्धि दर हासिल करना है। मैं समझता हूँ कि अपनी बचत और निवेश की दर को देखते हुए इस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। पर इसके लिए सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढाँचे में निवेश बढ़ाना होगा, कृषि में उत्पादकता बढ़ानी होगी और विनिर्माण क्षेत्र को नई ताकत और प्रोत्साहन देना होगा।भारत की आबादी का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा कृषि पर निर्भर है, लेकिन राष्ट्रीय उत्पादन में इसका योगदान 20 प्रतिशत से भी कम है।सिंह ने कहा कि कृषि एवं बुनियादी ढाँचे के विस्तार में आ रही मुख्य बाधाओं पर ध्यान देने के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों की जरूरत है जिन्हें निवेश बढ़ाकर प्रोत्साहन देना होगा। उन्होंने कहा कि हमने इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिन पर सरकार लगातार ध्यान देगी। वित्त वर्ष 2009- 10 में कृषि क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद में दो प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि इसी दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7।2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।संप्रग सरकार ने किसानों के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि के साथ साथ कृषि ऋण को भी बढ़ाकर लगभग तीन लाख करोड़ रुपए करने और 70000 करोड़ रुपए की कृषि ऋण माफी और छूट जैसी योजनाएँ लागू की हैं।सरकार ने 10वीं पंचवर्षीय योजना में कृषि क्षेत्र की वृद्धि 4 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा था पर कम उत्पादकता और कृषि आधारभूत ढाँचे की कमी के कारण यह लक्ष्य हासिल नहीं हो सकता। (वेबदुनिया)
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