नई दिल्ली May 24, 2010
पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने जीन प्रसंस्कृत बीटी बैगन को लेकर चौतरफा विरोध के मद्देनजर कहा है कि कृषि के लिए व्यापक स्तर पर सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित जैव प्रौद्योगिकी कार्यक्रम की जरूरत है ताकि निजी क्षेत्र के एकाधिकार को समाप्त किया जा सके।
उन्होंने एक समारोह में कहा- मुझे लगता है कि बीज मुद्दे के कारण क्रियात्मक क्षेत्र में विशेषकर जीन स्तर पर प्रसंस्कृत (जीएम) कृषि में सार्वजनिक क्षेत्र का निवेश लोगों का विश्वास बहाल करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हम नहीं चाहते कि जीएम खाद्य का मसला निजी एकाधिकार के रूप में खत्म हो।
वैज्ञानिकों के समुदाय के बीच एकराय नहीं होने का तर्क पेश करते हुए रमेश ने फरवरी में बीटी बैगन को सार्वजनिक खपत के लिए जारी किए जाने पर स्थगनादेश जारी किया था। उन्होंने कहा कि यदि इसमें सार्वजनिक धन लगाया गया होता तो देश अमेरिकी फर्म मोनसैंटो को कड़ी टक्कर दे सकता था।
अमेरिकी कंपनी भारतीय कंपनी माहिको के जरिए जीएम खाद्य को प्रोत्साहन दे रही है। बीटी बैगन एक जीएम सब्जी है जिसमें बैक्टेरियम बेसिलस थुरेन्जिएनसिस से क्राय-वन-एसी जीन डाला गया है जो पौधे को विभिन्न प्रकार के रोगों और कीटों का अवरोधक बनाता है। प्रस्तावित जैव-प्रौद्योगिकी नियामक प्राधिकार जैव विविधता के रखरखाव और उसके संरक्षण की ओर ध्यान देगा। (बी स हिंदी)
24 मई 2010
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