मुंबई May 26, 2010
चालू साल की पहली तिमाही में सोने की मांग में जोरदार कमी आई है। पिछले साल की पहली तिमाही की तुलना में 2010 की पहली तिमाही में सोने की मांग 25 प्रतिशत कम रह गई।
जनवरी-मार्च 2009 में सोने की कुल वैश्विक मांग 1017 टन से घटकर 2010 की समान तिमाही में 760.2 टन रह गई। निवेश मांग 69 प्रतिशत गिरकर 609.5 टन से 186.3 टन पर आ गई। बहरहाल इस दौरान आभूषण की मांग ने सोने की इज्जत बचा ली और इस दौरान मांग में 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
बुधवार को जारी वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक मांग में गिरावट के बावजूद उम्मीद है कि 2010 में सोने की मांग बेहतर बनी रहेगी। काउंसिल ने कहा है कि सोने की मांग खासतौर पर आभूषण सेग्मेंट में है। भारत और चीन में 2010 में इसकी मांग बेहतर बनी रहेगी। इसको यूरोप और अमेरिका में निवेशकों का भी समर्थन मिलेगा, क्योंकि यूरोप में आर्थिक अस्थिरता अभी भी बरकरार है।
सोने की मांग की धारणा पर जारी डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के मुताबिक आभूषण की मांग बने रहने के कारण भारत और चीन में सोने की मांग तेज रहेगी। 2010 की पहली तिमाही में भारत के बाजारों का प्रदर्शन सबसे बढ़िया रहा, जहां कुल उपभोक्ता मांग में 698 प्रतिशत की तेजी हुई और पिछले साल की तुलना में खपत बढ़कर 193.5 टन पर पहुंच गई।
पिछले साल भारत में सोने की मांग तुलनात्मक रूप से कम थी, क्योंकि भारतीय मुद्रा के हिसाब से सोने की खरीदारी महंगी थी। चीन में मांग तुलनात्मक रूप से कम रही और 2010 की पहली तिमाही में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 105.2 टन हो गई।
बहरहाल, डब्ल्यूजीसी ने कहा कि चालू साल की दूसरी तिमाही में मांग में सुधार आएगी। यूनान के आर्थिक संकट के भय से यूरोप में सोने के सिक्कों, बार और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की अच्छी खरीदारी हो रही है। इसके आंकड़े दूसरी तिमाही के आंकड़ों में नजर आएंगे। (बीएस हिंदी)
27 मई 2010
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