10 मई 2010
विदेशी गिरावट से रबर के दाम 12 फीसदी लुढ़के
विदेश में नेचुरल रबर के दाम घटने से चालू महीने में घरेलू बाजार में भी इसकी कीमतों में करीब 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। शनिवार को केरल के कोट्टायम में आरएसएस-5 और आरएसएस-4 के दाम घटकर क्रमश: 146 और 149 रुपये प्रति किलो रह गए। उधर सिंगापुर कमोडिटी एक्सचेंज (सीकॉम) में नेचुरल रबर की कीमतों में इस दौरान 14।4 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। अप्रैल महीने में भारत में नेचुरल रबर का उत्पादन 15.4 फीसदी बढ़ा है जबकि खपत 4.8 फीसदी बढ़ी है। मूल्यों में इस गिरावट से नेचुरल रबर के सबसे बड़े उपभोक्ता क्षेत्र टायर उद्योग को राहत मिली है।रबर मर्चेस एसोसिएशन के सचिव अशोक खुराना ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंचे दाम होने से नेचुरल रबर की मांग कमजोर हुई है। इसके साथ ही घरेलू बाजार में अप्रैल में उत्पादन में बढ़ोतरी होने से भी गिरावट को बल मिला है। सिंगापुर कमोडिटी एक्सचेंज (सीकॉम) में नेचुरल रबर के दाम 30 अप्रैल को 179-180 रुपये प्रति किलो (भारतीय मुद्रा में) थे जो शनिवार को घटकर 153-154 रुपये प्रति किलो रह गए। कोट्टायम में भी आरएसएस-5 और आरएसएस-4 के दाम बढ़कर एक मई को 166 और 169 रुपये प्रति किलो थे जो शनिवार को घटकर क्रमश: 146 और 149 रुपये प्रति किलो रह गए।रबर बोर्ड के अनुसार अप्रैल में नेचुरल रबर के उत्पादन में 15 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल उत्पादन 59,500 टन हुआ है जो पिछले साल की समान अवधि के 51,520 टन से ज्यादा है। अप्रैल में खपत भी बढ़कर 77,000 टन की हुई है जो पिछले साल अप्रैल के 73,470 टन से ज्यादा है। भारतीय रबर बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2010-11 में देश में नेचुरल रबर की खपत में पांच फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल खपत 9.78 लाख टन होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2009-10 में देश में नेचुरल रबर के उत्पादन में 3.8 फीसदी की कमी आकर कुल उत्पादन 8.31 लाख टन रहा। जबकि वित्त वर्ष 2008-09 में नेचुरल रबर का उत्पादन 8.64 लाख टन रहा था। 2009-10 में देश में नेचुरल रबर की खपत 6.8 फीसदी बढ़कर 9.3 लाख टन की हुई थी। हरिसंस मलयालम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरक्टर पंकज कपूर ने बताया कि ऑटो उद्योग की मांग अच्छी होने से टायर कंपनियों की नेचुरल रबर में मांग लगातार बढ़ रही है। मौजूदा गिरावट का प्रमुख कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटना है। लेकिन, उधर विदेशी बाजार में भारत के मुकाबले नेचुरल रबर के दाम ज्यादा हैं तथा आयात पर 20 फीसदी का शुल्क भी है। इसीलिए आयात भी कम हो रहा है। अप्रैल महीने में कुल आयात 6,128 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल अप्रैल में 10,421 टन का आयात हुआ था। ऐसे में आगामी दिनों में नेचुरल रबर की कीमतों में फिर से तेजी बनने के ही आसार हैं।बात पते कीविदेश में नेचुरल रबर के दाम ज्यादा हैं तथा आयात पर 20 फीसदी शुल्क भी है। इसलिए अप्रैल में आयात सिर्फ 6,128 टन रहा जबकि पिछले साल समान माह में 10,421 टन आयात हुआ था। इसलिए रबर के दाम फिर सुधर सकते हैं। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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