03 मई 2010
कैस्टर सीड में तेजी का रुख
निर्यातकों की मांग बढ़ने से कैस्टर सीड की कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है। पिछले बीस दिनों में घरेलू और वायदा बाजार में केस्टर सीड के दाम क्रमश: 6।8 और 5 फीसदी बढ़े हैं। चालू वर्ष में केस्टर तेल के निर्यात में 9 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। जबकि कैस्टर सीड की पैदावार में करीब चार फीसदी की कमी आई है। ऐसे में आगामी दिनों में सीड और तेल की मौजूदा कीमतों में और भी तेजी की संभावना है।वायदा में कीमतें बढ़ीनेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर निवेशकों की खरीद बढ़ने से कैस्टर सीड की कीमतों में तेजी बनी हुई है। दस अप्रैल को मई महीने के वायदा अनुबंध में कैस्टर सीड का भाव 2,998 रुपये प्रति `िंटल था। ये शुक्रवार को बढ़कर 3,131 रुपये प्रति `िंटल हो गया। मई महीने के वायदा अनुबंध में 560 लॉट के खड़े सौदे हुए हैं। कमोडिटी विशेषज्ञ अभय लाखवान ने बताया कि निर्यातकों की अच्छी मांग बनी हुई है। वैसे भी चालू सीजन में पैदावार पिछले साल से कम होने की संभावना है। इससे भविष्य में इसकी कीमतों में और भी तेजी की ही संभावना है।निर्यात में बढ़ोतरी के आसारगांधीधाम स्थित मैसर्स एस एस केमिकल के मैनेजिंग डायरक्टर कुशल राज पारिख ने बताया कि चालू वर्ष में कैस्टर तेल में अमेरिका, यूरोप और चीन की अच्छी मांग रहने की संभावना है। पिछले पंद्रह दिनों में ही इन देशों से करीब 10 हजार टन कैस्टर तेल के आयात सौदे 1450-1550 डॉलर प्रति टन की दर से हुए हैं। पिछले पंद्रह दिनों में अमेरिका ने करीब चार हजार टन कैस्टर तेल के आयात सौदे 1550 डॉलर प्रति टन की दर से किए हैं। यूरोप के देशों ने भी करीब दो हजार टन कैस्टर तेल के आयात सौदे 1550 डॉलर प्रति की दर से किए गए हैं। इसके अलावा चीन द्वारा चार हजार टन कैस्टर तेल के आयात सौदे 1450 डॉलर प्रति टन की दर से किए हैं। आगामी दिनों में इन देशों की आयात मांग में और भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। पिछले साल देश से करीब 2.75 लाख टन कैस्टर तेल का निर्यात हुआ था जबकि चालू वर्ष में निर्यात बढ़कर तीन लाख टन होने की संभावना है।कैस्टर सीड की पैदावार में कमीसाल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार वर्ष 2009-10 में देश में कैस्टर सीड की बुवाई में 10 फीसदी की कमी आकर कुल बुवाई 7.40 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। हालांकि प्रति हैक्टयर उत्पादन पिछले साल के 1,180 किलोग्राम से बढ़कर 1,261 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर हुई है। ऐसे में वर्ष 2009-10 में पैदावार में चार फीसदी की कमी आकर कुल उत्पादन 9.34 लाख टन होने का अनुमान है। उद्योग सूत्रों का मानना है कि पैदावार नौ लाख टन से भी कम होने की आशंका है। पैदावार में सबसे ज्यादा कमी दक्षिण भारत के राज्यों में होने का अनुमान है। दक्षिण भारत के राज्यों में पैदावार 3.50 लाख टन से घटकर 2.5 लाख टन ही होने की संभावना है।आवक बढ़ने के बावजूद भाव तेजनमेस्ट ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के डायरक्टर प्रकाश भाई ने बताया कि गुजरात की मंडियों में केस्टर सीड की दैनिक आवक बढ़कर 80-90 हजार बोरी की हो गई है। लेकिन निर्यातकों के साथ ही घरलू मांग बढ़ने से कीमतों में भी तेजी देखी जा रही है। उत्पादक मंडियों में पिछले बीस दिनों में इसकी कीमतों में करीब 200 रुपये की तेजी आकर शुक्रवार को भाव 3,100 रुपये प्रति `िंटल हो गए। कैस्टर तेल की कीमतों में इस दौरान 40 रुपये की तेजी आकर भाव 670-680 रुपये प्रति दस किलो हो गए। उन्होंने बताया कि मई में उत्पादक मंडियों में कैस्टर सीड की दैनिक आवक कम हो जाएगी, जिससे मौजूदा कीमतों में और भी तेजी की ही संभावना है। (बिज़नस भास्कर...आर अस राणा)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें