03 मई 2010
उत्पादन बढ़ने की संभावना से शीरे का भाव 16फीसदी गिरा
उत्पादन अनुमान बढ़ने से अप्रैल महीने में शीर की कीमतों में 16 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश में शीर के दाम घटकर शनिवार को 230 रुपये और महाराष्ट्र में 215 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। पेराई सीजन के शुरू में 75 लाख टन शीर का उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया था। लेकिन चीनी के उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ शीर का भी उत्पादन बढ़कर करीब 90 लाख टन पहुंचने की संभावना है। इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (इस्मा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले शीर का उत्पादन 75 लाख टन होने का अनुमान था। लेकिन चीनी के उत्पादन में बढ़ोतरी होने से शीर का उत्पादन भी अब बढ़कर 90 लाख टन से ज्यादा होने की संभावना है। पहले चीनी के उत्पादन का अनुमान 168 लाख टन का था जबकि अब माना जा रहा है कि उत्पादन 185-187 लाख टन हो सकता है। ऑल इंडिया डिस्टीलरीज एसोसिएशन के महानिदेशक वी। के. रैना के मुताबिक चूंकि पहले उत्पादन कम होने की संभावना थी। इसीलिए शराब निर्माताओं ने पहले ऊंचे दाम पर शीरा खरीद लिया। ज्यादातर शराब निर्माताओं ने पहले ही स्टॉक का इंतजाम कर लिया था। इसलिए अब उनकी मांग कमजोर है। जबकि पेराई ज्यादा दिनों तक चलने के कारण मिलों के पास शीर का भरपूर स्टॉक है। इसीलिए मिलों की बिकवाली ज्यादा आ रही है। जिससे शीर की कीमतों में गिरावट को बल मिल रहा है। मवाना शुगर लिमिटेड के बिजनेस हैड (एथनॉल) राजेश ढींगरा ने बताया कि शराब निर्माताओं के साथ ही केमिकल उद्योग की मांग भी कमजोर है। शनिवार को उत्तर प्रदेश में शीर के दाम घटकर 230 रुपये और महाराष्ट्र में 215 रुपये प्रति `िंटल रह गए। दो अप्रेल को उत्तर प्रदेश में शीर के दाम 275 रुपये और महाराष्ट्र में 250 रुपये प्रति `िंटल थे। पिछले साल अप्रैल के प्रथम सप्ताह में शीर का दाम 490-500 रुपये प्रति `िंटल था। रणुका शुगर लिमिटेड के डायरक्टर जी. के. सूद ने बताया कि शीर के कुल उत्पादन की 45 से 50 फीसदी खपत शराब उद्योग में होती है तथा करीब 25 फीसदी खपत केमिकल उद्योग में होती है। इसके अलावा 15-20 फीसदी की खपत एथनॉल में होती है। जैसी उम्मीद है अगर एथनॉल में शीर की खपत बढ़ती है, तो कीमतों में सुधार आने के आसार हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश में तो लगभग सभी मिलों में पेराई बंद हो गई है लेकिन महाराष्ट्र में कुछ मिलों में पेराई जारी है। ऐसे में मई में तो कीमतें स्थिर ही बनी रहने की संभावना है लेकिन जून-जुलाई में इसकी कीमतों में थोड़ा सुधार आ सकता है।rana@businessbhaskar.netबात पते कीएथनॉल उत्पादन में अभी सिर्फ 15-20 फीसदी शीर की खपत होती है। अगर एथनॉल उत्पादन में खपत बढ़ती है तो मूल्य में सुधार हो सकता है। एथनॉल के लिए शीर की खपत बढ़ने की पूरी संभावना है। (बिज़नस भास्कर...आर अस राणा)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें