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05 मई 2010

कपास के धागे की कीमतें नरम

अहमदाबाद May 03, 2010
सरकार द्वारा निर्यात पर नियंत्रण लगाने के बाद कपास के धागे की कीमतों में नरमी आई है। बेहतर और मध्यम किस्म के कपास धागे की कीमतों में 5 से 10 रुपये प्रति किलो तक की कमी दर्ज की गई है।
अहमदाबाद के कपास कारोबारी चिराग शाह ने कहा, 'सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के परिणामस्वरूप फाइन काउंट कॉटन यार्न की कीमतें 15 से 20 रुपये प्रति किलो कम हुई हैं। वहीं कोर्स काउंट और मीडियम काउंट कॉटन यार्न की कीमतों में 5 से 10 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई है।'
घरेलू बाजार में बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए डयूटी एनटायटलमेंट पासबुक (डीईपीबी) योजना के तहत कपास के धागे पर मिलने वाली 7.5 प्रतिशत निर्यात शुल्क छूट को सरकार ने अप्रैल में हटा दिया था। हाल ही में सरकार ने कपास धागे के निर्यात पर शुल्क वापसी को भी हटा लिया है।
इसके साथ ही सरकार ने कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कपास पर भी तमाम प्रतिबंध लगाए हैं। कच्चे कपास के निर्यात पर 2500 रुपये प्रति टन का निर्यात शुल्क लगाया गया है, साथ ही नए सौदों का रजिस्ट्रेशन भी रोक दिया गया है। इसकी वजह से देश भर के गिन्नी मिलों ने 5 मई से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।
सरकार के कदमों के चलते कच्ची कपास की कीमतों में 1500 रुपये प्रति कैंडी की कमी आई है और कीमतें 27,000 रुपये प्रति कैंडी पर पहुंच गई हैं। यह गिरावट संकर-6 किस्म में पिछले 10 दिन के दौरान आई है। इस किस्म की कपास की कीमतें दो महीने पहले 29,000 रुपये प्रति कैंडी पर पहुंच गई थीं।
कपास के धागे की कीमतों में गिरावट के चलते अन्य तरह के धागों की कीमतों में गिरावट आई है। मुंबई के एक धागा कारोबारी ने कहा- पॉलिएस्टर यार्न की कीमतों में 5 प्रतिशत की गिरावट आई है, वहीं ब्लेंडेड यार्न की कीमतें 5 से 8 प्रतिशत के बीच गिरी हैं।
पॉलिएस्टर यार्न कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पॉलिएस्टर यार्न की कीमतें पिछले 1 सप्ताह में 2 प्रतिशत गिरी हैं। कीमतों में तेजी के बाद गिरावट की वजह से धागों की मांग भी प्रभावित हुई है।
अहमदाबाद पॉवरलूम ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन पटेल ने कहा- कपास के धागे और कच्ची कपास की कीमतों में गिरावट की वजह से खुले कपड़ों की कीमतों में भी 3 से 5 रुपये प्रति मीटर की गिरावट आई है। एक सप्ताह की लगातार की गिरावट के बाद कपास के धागे के बाजार में इस सप्ताह के अंत तक स्थिरता की उम्मीद की जा रही है।
मुंबई की आईबी यार्न एजेंसी के भरत मालकान ने कहा- कम स्तर पर बाजार प्रतिरोध करता है। हालांकि बाजार के जानकार भविष्य में कीमतों को लेकर कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। उन्हें डर है कि सरकार आने वाले दिनों में भी कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कुछ और कड़े कदम उठा सकती है।
इसकी वजह है कि 40 प्रतिशत की तेज बढ़ोतरी के बाद अभी कीमतों में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है। कच्चे माल की कीमतों में तेजी और मांग व आपूर्ति में अंतर से कपास के धागे की कीमतों में तेजी आई है।
कारोबारियों का कहना है कि सरकार ने कच्चे माल के स्तर पर कीमतों को रोकने के लिए सख्ती बरती है, लेकिन अभी भी आपूर्ति कम है। इससे कपास और कपास के धागों की कीमतों को समर्थन मिल सकता है।
सरकारी प्रतिबंधों के असर से कीमतों पर लगाम
बेहतर और मध्यम किस्म के धागे के दाम 5-10 रुपये प्रति किलो तक हुए कमडीईपीबी योजना के तहत मिलने वाली 7।5 प्रतिशत निर्यात शुल्क छूट को सरकार ने अप्रैल में हटाया थाकच्चे कपास के निर्यात पर लगाया गया है 2500 रुपये प्रति टन का निर्यात शुल्क (बीएस हिंदी)

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