राजकोट April 29, 2010
कपास के निर्यात पर केंद्र की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के विरोध में गुजरात में कपास ओटने वाली मिलों ने हड़ताल कर दी है।
गुजरात में क पास ओटने वाली करीब 1100 मिलें हैं। मिलों ने आज से देश भर में हड़ताल शुरू कर दी है। मिलों ने कहा है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो 5 मई से वह और उग्र प्रदर्शन करेंगे।
सौराष्ट्र गिनिंग मिल एसोसिएशन (एसजीएमए) के अध्यक्ष भारत वाला ने कहा, 'केंद्र सरकार कपास निर्यात से प्रतिबंध नहीं हटाती है तो मिल मालिक 5 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।' उन्होंने कहा, 'दो दिन की देशव्यापी हड़ताल के दौरान महाराष्ट्र की 1200 मिलें, आंध्र प्रदेश की 400 मिलें और मध्य प्रदेश की 200 मिलों के साथ ही गुजरात की 1100 मिलें बंद रहेंगी।'
ऑल गुजरात गिनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिलीप पटेल ने कहा, 'निर्यात के लिए करीब 86 लाख बेल कपास का पंजीकरण किया गया था। इसमें से 61 लाख बेल का निर्यात किया जा चुका है। अगर सरकार बची हुई कपास के निर्यात की अनुमति नहीं देती है और कपास निर्यात पर लगा प्रतिबंध वापस नहीं लेती है तो घरेलू कपास बाजार गिर जाएगा।'
एसजीएमए के सचिव आनंद पोपट ने कहा, ' सरकार ने 19 अप्रैल से कपास निर्यात का पंजीकरण करना बंद कर दिया है। अधिकारी तो प्रतिबंध लागू होने से पंजीकृत हुए कपास के निर्यात की भी मंजूरी नहीं दे रहे हैं।'
आनंद पोपट ने कहा, 'गुजरात की कताई इकाइयों ने कच्चे प्रसंस्कृत कपास की कीमत 2,500-3,000 रुपये प्रति कैंडी तक कम कर दी हैं। अगर यही हालात रहे तो गुजरात के किसानों को काफी नुकसान होगा।'
गुजरात में किसानों के पास अभी करीब 1 करोड़ क्विंटल कपास बिक्री के लिए पड़ा हुआ है। पिछले हफ्ते ही गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था और पत्र में उन्होंने कपास के निर्यात पर लगे प्रतिबंध के साथ ही उत्पाद शुल्क हटाने की भी मांग की है।
मोदी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है और इससे गुजरात के हजारों किसानों को काफी नुकसान होगा। गुजरात के मिल मालिक जल्द ही इस मामले पर प्रधानमंत्री से मिलने की योजना बना रहे हैं।
सरकार के इस फैसले से गुजरात के किसानों को काफी वित्तीय नुकसान हुआ है। देश में कपास की कुल खपत का 33 फीसदी और निर्यात का 50 फीसदी कपास गुजरात से ही आता है। चीन, थाईलैंड, इंडोनेशिया और तुर्की में कपास का निर्यात होने के कारण गुजरात के कपास किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत मिलती है।
कैसे लगेगी गांठ
मिल मालिकों की कपास निर्यात से प्रतिबंध हटाने की मांगमांग नहीं हुई पूरी तो 5 मई से अनिश्चितकालीन हड़तालगुजरात के कपास किसानों को होने लगी परेशानीकीमत घटने से हो रहा नुकसान (बीएस हिंदी)
01 मई 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें