मुंबई October 05, 2009
वायदा बाजार नियामक, वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने तत्काल प्रभाव से 20000 रुपये से ज्यादा की नकद खरीद पर 0.5 प्रतिशत जुर्माना लगाने का फैसला किया है।
इस फैसले से ग्रामीण किसान वायदा कारोबार करने से वंचित हो सकते हैं। यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। एक्सचेंजों को जारी अधिसूचना में एफएमसी ने सदस्यों को निर्देश दिया है कि वे अपने ग्राहकों से नकद राशि स्वीकार न करें चाहे वह कमोडिटी डेरिवेटिव्स के दायित्वों की देनदारी हो या मार्जिन मनी।
नियामक ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी सदस्य अपने ग्राहकों से भुगतान बैंकों के क्रास्ड चेक या डिमांड ड्राफ्ट या बैंक एकाउंट में सीधे जमा करने पर ही स्वीकार करें। सदस्य लेनदेन के लिए केवल ग्राहकों के चेक स्वीकार कर सकते हैं और उन्हें ही चेक जारी कर सकते हैं।
बहरहाल अपवाद के रूप में सदस्य नकदी स्वीकार कर सकते हैं, लेकिन उससे आयकर नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए (जो सीमा इस समय 20000 रुपये की है), जो समय समय पर जारी किए जाते हैं। एफएमसी ने कहा है कि अगर इस नियम का उल्लंघन किया जाता है तो भारी जुर्माना हो सकता है या सदस्यता भी स्थगित की जाती है।
कोटक कमोडिटी सर्विस के निदेशक दिलीप भाटिया ने कहा, 'हमने वायदा बाजार आयोग से अनुरोध किया है कि नकद लेन देन पर पूरी तरह से प्रतिबंध न लगाकर जुर्माने का प्रावधान किया जाना चाहिए, क्योंकि इस कदम से ग्रामीण किसानों को उचित मूल्य के लिए वायदा बाजार तक पहुंचने में दिक्कतें आएंगी।' उन्होंने कहा कि अभी जुर्माना बहुत कम है, जिसमें बाद में बढ़ोतरी की जा सकती है। (बीएस हिन्दी)
07 अक्तूबर 2009
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