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07 अक्तूबर 2009

चुनाव देख सरकार ने लगाया प्याज के निर्यात पर अंकुश

महाराष्ट्र, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार प्याज पर पूरी तरह चौकस है। सरकार प्याज के मुद्दे पर राजनीतिक खतरा उठाने को कतई तैयार नहीं है। यही वजह है कि देश के कई हिस्सों में प्याज के दाम दोगुने से भी ज्यादा होने के बाद सरकार तुरंत सक्रिय हो गई। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) ने चालू अक्टूबर माह के लिए निर्यात नियंत्रित करने के लिए प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) में 85 डॉलर (करीब 40 फीसदी) की बढ़ोतरी कर दी है। उम्मीद है कि अगले 8-10 दिन में निर्यात घटने से सुलभता बढ़ेगी और दाम सामान्य स्तर पर आ जाएंगे। पहले नेफेड ने अक्टूबर के लिए प्याज का एमईपी न बढ़ाने का फैसला किया था लेकिन अनायास भाव बढ़ने पर एमईपी 215 डॉलर से बढ़ाकर 300 डॉलर प्रति टन तय किया है।
कर्नाटक , आंध्र प्रदेश में बाढ़ के कारण नई फसल खराब होने से प्याज के दाम पिछले पांच दिनों में बढ़कर दोगुने से भी अधिक हो गए हैं। नाफेड के अधिकारी के मुताबिक प्याज के एमईपी में बढ़ोतरी होने से घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे दाम पर अंकुश लगेगा।
नेफेड सूत्रों के अनुसार एमईपी में 85 डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी अप्रत्याशित है क्योंकि इससे पहले एमईपी में कभी इतनी बढ़त नहीं की गई। जुलाई में एमईपी 185 डॉलर प्रति टन था। अगस्त में इसे 20 डॉलर बढ़ाया गया। सितंबर में फिर 10 डॉलर की बढ़ोतरी की गई। लेकिन अक्टूबर में एमईपी में 85 डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी कर दी गई।
आंध्र प्रदेश और कर्नाटक को महाराष्ट्र की उत्पादक मंडियों नासिक और लासलगांव से प्याज की सप्लाई होने के कारण इन मंडियों में कीमतों में भारी तेजी आई है। नासिक में इसके दाम 650 रुपये से बढ़कर 1,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए है। जबकि लासलगांव में इसके दाम ढाई गुने बढ़कर 650 रुपये से 1500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। पीएम ऑनियन कंपनी के मालिक पीएम शर्मा के अनुसार बीते दिनों में बारिश की वजह से खरीफ सीजन वाली प्याज की फसल लेट है। एमईपी बढ़ने से प्याज का निर्यात कम होगा तो 8-10 दिन में घरेलू बाजार में दाम सामान्य स्तर पर आ जाएंगे। नई फसल की आवक बढ़ने पर भी दाम गिरेंगे। दरअसल इन दिनों आंध्र प्रदेश के कुरनूल और कडप्पा जिलों से और कर्नाटक के चित्रदुर्गा, हुबली और बेल्लारी जिलों से प्याज की नई फसल आ रही है, जिसे बाढ़ की वजह से भारी नुकसान हुआ है।
यह भी बड़ा दिलचस्प है कि देश के कई राज्यों में प्याज के दाम नहीं बढ़े हैं बल्कि वहां अच्छी सप्लाई से दाम गिरे हैं। मसलन मध्य प्रदेश में दाम गिरे हैं क्योंकि वहां नई फसल चालू माह के दूसरे पखवाड़े में आने वाली है। इंदौर में प्याज के थोक दाम पिछले कुछ दिनों में 25 रुपये गिकर 625 रुपये प्रति 40 किलो रह गए। (बिज़नस भास्कर)

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