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07 अक्तूबर 2009

भारी बारिश से रबर उत्पादन और निर्यात में भारी गिरावट

देश का रबर उत्पादन सितंबर में करीब 9 फीसदी घटकर 73,000 टन रह गया। रबर बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारी बारिश के कारण प्रोसेसिंग में आई परेशानी के कारण उत्पादन गिरा है। इसी तरह चालू वित्त वर्ष में अब तक 3।47 लाख टन नेचुरल रबर का उत्पादन रहा है जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 3.96 लाख टन उत्पादन से काफी कम है। रबर बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सितंबर में नेचुरल रबर का उत्पादन 73,000 टन रहा है, जबकि गत वर्ष सितंबर में 80,000 टन उत्पादन रहा था। यह गिरावट मुख्य रूप से भारी बारिश के कारण रही है। उन्होंने कहा कि अगस्त तक सूखे और सितंबर में भारी बारिश ने नेचुरल रबर के उत्पादन में बाधा पैदा की है। इसके चलते चालू वित्त वर्ष में अब तक रबर का उत्पादन कम रहा है। सितंबर में रबर का निर्यात भी घटकर 400 टन रह गया, जबकि गत वर्ष इस दौरान निर्यात 2,300 टन रहा था। घरेलू बाजार में रबर की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुकाबले ज्यादा होने के कारण चालू वित्त वर्ष में अब तक केवल 1,350 टन रबर का निर्यात किया गया है। जबकि गत वर्ष समान अवधि में 31,000 टन नेचुरल रबर का निर्यात किया गया था। अधिकारी ने कहा कि रबर की घरेलू बाजार में कीमतें वैश्विक बाजार के मुकाबले काफी ज्यादा हैं, ऐसे में टायर निर्माता आदि रबर के बड़े उपभोक्ता आयात को प्राथमिकता दे रहे हैं। वैश्विक बाजार में रबर के भाव कमजोर होने के कारण निर्यात मुनाफे का सौदा नहीं रह गया है। घरेलू और वैश्विक बाजार में रबर की कीमतों का अंतर नेचुरल रबर के आयात से साफ झलकता है। सितंबर में रबर का आयात 50 फीसदी बढ़कर 15,000 टन तक पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष में अब तक 1.14 लाख टन नेचुरल रबर का आयात किया जा चुका है जबकि गत वर्ष इस दौरान मात्र 38,000 टन रबर आयात किया गया था। सोमवार को कोट्टायम में नेचुरल रबर का भाव 10,750 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जबकि आरएसएस-3 वैरायटी का भाव सिंगापुर के सीकॉम में 10,548 रुपये (भारतीय मुद्रा में प्रति क्विंटल पर रहा। कारोबारियों का कहना है कि घरलू बाजार में रबर की कीमतें काफी ज्यादा होने से इसके निर्यात से मुनाफा कमाना मुश्किल हो गया है। (बिज़नस भास्कर)

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