कोच्चि February 26, 2009
वैश्विक कालीमिर्च बाजार इस समय 2006 के संकट के बाद सबसे गंभीर दौर से गुजर रहा है। सभी उत्पादक इलाकों में दिन प्रतिदिन कालीमिर्च की कीमतें धराशायी हो रही हैं।
इस समय भारत में इसकी कीमतें 2006 के बाद गिरकर सबसे कम स्तर, 10,200 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई हैं। जून 2006 में एएसटीए ग्रेड की कालीमिर्च की कीमत गिरकर 6500-7,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई थीं तब सरकार ने निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए राहत पैकेज की घोषणा की थी।
तीन साल पहले कालीमिर्च के कारोबार में संकट वैश्विक मांग में आई गिरावट की वजह से आया था। इस समय भी पूरी दुनिया में इसकी मांग में कमी आई है। खासकर यूरोप और अमेरिका इस गिरावट के पीछे प्रमुख वजह बनकर उभरे हैं।
यूरोपीय संघ और अमेरिका में मंदी के चलते रिटेल कारोबार प्रभावित हुआ और वहां पर इसकी खुदरा मांग में 40 प्रतिशत की कमी आई है। अब इस कारोबार को उबरने के लिए कोई समुचित उपाय नहीं सूझ रहा है।
कहा यह जा रहा है कि यूरोप स्टॉकिस्ट कालीमिर्च की खरीद के मामले में कोई जल्दी नहीं दिखा रहे हैं। अमेरिका और यूरोपीय देशों के ज्यादातर आयातकों के पास इस समय बड़ा स्टॉक है और उन्होंने खरीदारी उस समय की थी जब 2008 में कीमतें उच्चतम स्तर पर थीं। अब वे चाहते हैं कि पुराने स्टॉक से छुटकारा पा लिया जाए।
कोच्चि के एक प्रमुख निर्यातक के मुताबिक अमेरिका के खरीदार इसमें कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यहां तक कि कालीमिर्च के सभी उत्पादक देशों ने इसकी कीमतें कम कर दी हैं। वियतनाम ने कीमतें कम करके 2000 डॉलर प्रति टन से कम कर दी है, लेकिन आयातक देशों की ओर से कोई मांग न होने के चलते स्थिति खराब है।
वहां पर 500 जीएल के लिए कीमतें 1650 डॉलर, 550 जीएल के लिए 1750 डॉलर और एएसटीए के लिए 1950 डॉलर प्रति टन कर दी है। लेकिन इतनी कम कीमतों के बावजूद भी मांग बहुत कमजोर है।
इससे लगता है कि भविष्य में कीमतें और नीचे जाएंगी। यूरोप के खरीदारों ने संकेत दिया है कि जीएल 500 को 1,500 डॉलर प्रति टन पर बेहतर समर्थन मिल सकता है। भारत ने 2250 डॉलर प्रति टन से कीमतें कम करके मार्च-जून के लिए 2100 डॉलर प्रति टन कर दिया है, लेकिन खरीदार नदारद हैं।
ऐसा ही कुछ संकट अन्य देशों के साथ भी है। ब्राजील ने 2150 डॉलर और इंडोनेशिया ने 2050 डॉलर प्रति टन का भाव लगाया है। अगर पिछले साल की समान अवधि से तुलना करें तो कीमतों को देखने से संकट का साफ पता चलता है।
वियतनाम ने मार्च 2008 में एएसटीए कालीमिर्च 4250 डॉलर प्रति टन के भाव से बेचा था, जो इस समय 2300 डॉलर प्रति टन पर बेचने को तैयार है। अगर मंदी का यह दौर आने वाले दिनों में भी जारी रहा, जो कालीमिर्च के कारोबार में ऐतिहासिक मंदी छाने का अनुमान लगाया जा रहा है। (BS HIndi)
27 फ़रवरी 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें