26 फ़रवरी 2009
एशियाई बाजारों में गेहूं के भाव गिरने की संभावना
आने वाले दिनों में एशियाई बाजारों में गेहूं की कीमतों में नरमी देखी जा सकती है। मांग में कमी बने रहने की वजह से भाव में नरमी की संभावना जताई जा रही है।अमेरिकी कमोडिटी ब्रोकरज कंपनी एलरॉन के विश्लेषक टिम हन्नागन के मुताबिक मौजूदा समय में गेहूं की मांग में कमी देखी जा रही है जो आगे भी जारी रह सकती है। उन्होंने बताया कि शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में गेहूं की कीमत 4.85 डॉलर प्रति बुशल पर रह सकती हैं। शुरूआती कारोबार के दौरान सीबॉट में गेहूं करीब 5.28 डॉलर प्रति टन पर देखा गया जो एक दिन पहले के बंद भाव से करीब 1.6 सेंट नीचे था। उधर जापान ने फ्लोर मिलों को एक अप्रैल से 14.8 फीसदी सस्ती दरों पर गेहूं बेचने का संकेत दिया है। घरलू बाजारों में आटे की कीमतों में कमी लाने के लिए सरकार सस्ता गेहूं उपलब्ध करने की तैयारी कर रही है। मक्के में भी नरमी की संभावना जताई जा रही है। पिछले साल मलेशिया में जहां भारत से प्रति वर्ष करीब एक लाख टन मक्के का आयात हुआ था। इस साल महज 30 हजार टन मक्के का आयात हो पाया है। मौजूदा समय में वैश्विक बाजारों में अमेरिका की बढ़िया क्वालिटी का मक्का करीब 200 डॉलर प्रति टन के भाव पर उपलब्ध है।जबकि भारत का निम्न `ालिटी का मक्का करीब 190-195 डॉलर प्रति टन के भाव पर बिक रहा है। सोयाबीन की कीमतों में आने वाले दिनों में तेजी देखी जा सकती है। सोने में पिछले दो दिनों से जारी गिरावट की वजह से सोयाबीन में निवेशकों का रुझान बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। वहीं चीन में सोया तेल की मांग बढ़ने की भी संभावना जताई जा रही है। जिससे आने वाले दिनों में सोयाबीन की कीमतों को मिल सकता है।भारतीय बाजारों में भी आने वाले दिनों के दौरान गेहूं की कीमतों में नरमी जारी रह सकती है। चालू साल कमे दौराना देश में करीब 784 लाख टन गेहूं उत्पादन की संभावना है। वहीं सरकारी गोदामों में अभी भारी मात्रा में गेहूं का स्टॉक बना हुआ है। लिहाजा आने वाले दिनों में घरलू जरुरतों के लिहाज से गेहूं की उपलब्धता बनी रह सकती है। माना यह जा रहा है कि एक अप्रैल से शुरू होने वाले गेहूं मार्केटिंग सीजन में सरकारी एजेंसियां पिछले साल की तरह इस साल भी भरी मात्रा में गेहूंं की खरीद कर सकती हैं। (Business Bhaskar)
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