21 फ़रवरी 2009
सोने में तेजी का फायदा उठाने में जुटे लोग
सोने का भाव इन दिनों सातवें आसमान पर है। इस तेजी के कारण सोना खरीदने वाले बहुत कम रह गए हैं। शादी-ब्याह का सीजन होने के बावजूद दुकानों में ग्राहकी सामान्य दिनों के मुकाबले कहीं 10 से 15 फीसदी तो कहीं 25 से 30 फीसदी रह गई है। शादियों में भी लोग नया सोना खरीदने के बजाय पुराने गहने देकर ही नए गहने बनवाने को तरजीह दे रहे हैं। हां, इस तेजी का यह असर जरूर दिखा है कि जिन लोगों ने पहले से सोना खरीद रखा है, वे मुनाफावसूली की कोशिश में हैं।दिल्ली के गोयल ज्वैलर्स के विमल कुमार गोयल ने बताया कि उनके यहां मांग सामान्य दिनों के मुकाबले 25 से 30 फीसदी ही है। इसमें भी 12 से 15 फीसदी पुराने गहनों से नये गहने बनवाने वालों की है। उन्होंने बताया कि आजकल उनकी दुकान पर पूरे दिन में दो-चार ग्राहक ही आ रहे हैं। दिल्ली के ही दूसरे ज्वैलर अवधेश अग्रवाल ने बताया कि जब तक विदेशी बाजारों में गिरावट नहीं आएगी तब तक घरेलू बाजारों में मंदे की संभावना नहीं है। तब तक ग्राहकी का भी यही हाल रहेगा।दिल्ली में सोना बेचने वाले तो अभी कम हैं लेकिन मुंबई में ऐसे लोगों की कतार लगी हुई है। यहां लोग सिक्के के साथ-साथ पुराने गहने भी बेच रहे हैं ताकि मुनाफा वसूला जा सके। त्रिभुवनदास भीमजी झावेरी की मार्केटिंग हेड किरन दीक्षित ने बताया बाजार में 50 फीसदी लोग सिक्के बेच रहे हैं। ज्वैलर प्रकाश जैन ने बताया कि गुरुवार से शुक्रवार तक उनकी दुकान पर कम से कम 20 लोग सिक्के बेचने आए। जहां तक नए गहने बनवाने की बात है तो इन दोनों का कहना है कि ज्यादातर लोग पुराने गहनों के बदले ही नए गहने बनवा रहे हैं।चंडीगढ़ ज्वैलर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट और निक्कामल बाबूराम ज्वैलर्स के मालिक कमल जैन के अनुसार ऊंचे दाम के चलते उनका आभूषणों का काम लगभग आधा रह गया है। शादियों का मौसम भी इसकी भरपाई नहीं कर पा रहा है। भोपाल के ज्वैलर शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि उनके यहां दिन भर में आठ-दस ग्राहक आते हैं। उनमें भी एक-दो ही खरीदने वाला होता है। बाकी सब सोना बेचने वाले होते हैं। भोपाल के ही चंदन श्री ज्वैलर्स के मालिक अशोक जैन ने बताया कि भाव ऊंचे होने के कारण बिक्री तो जैसे रुक ही गई है। इंदौर के आदर्श ज्वैलर्स के रीतेश संघवी ने बताया कि मांग 80-90 फीसदी तक कम हो गई है।यहां भी वही लोग सोना खरीद रहे हैं जिनके घर शादियां हैं। हालांकि यहां भी पुराने के बदले नए बनवाने वालों की ही तादाद ज्यादा है। रतलाम के ज्वैलर ओ.पी. दलाल ने भी बताया कि लोग पुराने जेवर पर लेबर चार्ज देकर ही नए बनवा रहे हैं। जयपुर में पिछले दिनों सोना बेचने वालों का जोर रहा। थोक सोना कारोबारी सुभाष ने बताया कि प्रॉफिट बुक करने के लिए कुछ लोग सिक्के तथा बिस्कुट की भी बिकवाली कर रहे हैं। हालांकि शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव एक हजार डॉलर प्रति औंस के करीब पहुंच जाने से इस उम्मीद में बिकवाली को ब्रेक लगा कि भाव और चढ़ सकते हैं। मुंबई की तरह यहां भी लोग पुराने गहने बेचकर मुनाफा कमाने में लगे हैं। जहां तक खरीद की बात है तो कारोबारी मोनिका अग्रवाल के अनुसार यह 10 से 15 फीसदी ही रह गई है।16,000 का आंकड़ा छूने को बेताबनई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई भारी तेजी से घरेलू बाजार में शुक्रवार को सोने ने एक बार फिर नया रिकार्ड स्तर छुआ। दिल्ली सराफा बाजार में सोने की कीमतों में 210 रुपये की तेजी आकर भाव 15,910 रुपये प्रति दस ग्राम हो गए। हालांकि ऊंचे भावों की वजह से गहनों की खरीदारी घटकर और कम हो गई। लेकिन डॉलर के मुकाबले रुपये में चल रही गिरावट के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी से घरेलू बाजारों में सोनालगातार ऊपर चढ़ता जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में शुक्रवार को सोने के भाव 970 डॉलर प्रति औंस पर खुले तथा निवेशकों की भारी खरीदारी से 24 डॉलर की तेजी आवक 994 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करते देखा गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले पांच दिनों में सोने की कीमतों में 50 डॉलर प्रति औंस की तेजी आ चुकी है। 16 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम 940 डॉलर प्रति औंस थे।ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष शील चंद जैन ने बताया कि भारत में 80 फीसदी खपत आयातित सोने से पूरी होती है। इसलिए घरेलू बाजारों में सोने के दाम न्यूयॉर्क और लंदन के बाजारों के आधार पर तय होते हैं। पिछले ऊंचे भाव पर मांग घटने से कई महीनों में आयात 90त्न तक गिर गया। (Business Bhaskar....R S Rana)
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