अहमदाबाद February 23, 2009
मौसम की बेरुखी का असर तमाम खरीफ फसलों पर पड़ा है और ईसबगोल भी अपवाद नहीं है। इस साल ईसबगोल के बुआई के क्षेत्रफल में कुछ सुधार हुआ है, जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा था।
बहरहाल कारोबारी, उत्पादन में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं देख रहे हैं, क्योंकि मौसम की बेरुखी का प्रभाव इसके उत्पादन पर पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। 2008-09 में ईसबगोल की बुआई के क्षेत्रफल में 15 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
खासकर देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य राजस्थान में किसानों का रुझान इसकी ओर बढ़ा। इसके अलावा मध्यप्रदेश और गुजरात भी ईसबगोल उत्पादन के बड़े केंद्र हैं। गुजरात की ईसबगोल का प्रसंस्करण करने वाली बड़ी कंपनी सिध्दपुर की केयुर इंडस्ट्रीज के जितेश पटेल ने कहा, 'ईसबगोल का उत्पादन इस साल 12 लाख बोरियों तक सिमटा रहेगा (एक बोरी में 75 किलो)। जबकि पिछले साल 2007-08 के दौरान 11 लाख बोरी ईसबगोल का उत्पादन हुआ था।'
ऊंझा की सोन फाइलम इंडस्ट्रीज के मालिक विष्णु पटेल ने कहा, 'भले ही इसकी बुआई के क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन उत्पादकता कम रहने का अनुमान है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि इस साल मौसम ने इस फसल का साथ नहीं दिया। बुआई के वक्त और बाद में भी मौसम ने सभी तीन राज्यों में विपरीत प्रभाव डाला है।'
पटेल ने कहा कि जाड़े के समय में मौसम उतना ठंडा नहीं रहा, जिससे फसल को फायदा पहुंचे। नम मौसम की वजह से जीरा, हल्दी, कालीमिर्च, गेहूं और तमाम अन्य फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ा है। पिछले साल प्रति एकड़ ईसबगोल की उत्पादकता 240-300 किलोग्राम रही। बहरहाल इस साल अनुमान लगाया जा रहा है कि मौसम की बेरुखी के चलते उत्पादकता कम रहेगी।
कारोबारियों के मुताबिक, राजस्थान में ईसबगोल की बुआई का क्षेत्रफल बढ़कर 90,000 से 95,000 हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल यह 80,000 हेक्टेयर था। राजस्थान में हर साल ईसबगोल का औसत उत्पादन 7 लाख बोरी होता है। बहरहाल पड़ोसी राज्यों में कम बुआई के समय में भी 2007-08 में 6.5 लाख बोरी रहा था।
गुजराज सरकार के कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि गुजरात में पिछले साल 3 लाख बोरी ईसबगोल का उत्पादन हुआ था। इस साल इसकी बुआई का क्षेत्रफल 17,400 हेक्टेयर रह गया है, जबकि पिछले साल क्षेत्रफल 24,000 हेक्टेयर था।
जहां तक मध्य प्रदेश की बात है, पिछले साल 2 लाख बोरी ईसबगोल का उत्पादन हुआ, जिसमें से 75,000 बोरी अग्रिम स्टॉक में पड़ा है। इस साल उत्पादन 1.75 लाख बोरी रहने का अनुमान है। (BS HIndi)
24 फ़रवरी 2009
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