नई दिल्ली February 20, 2009
कृषि जिंसों की डिलिवरी में हुई चूक के लिए एनसीडीईक्स में तीन प्रतिशत के दंड की व्यवस्था लागू करने के बाद जिंस बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने अब एमसीएक्स में भी यही दंड व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया है।
एफएमसी के अध्यक्ष बी सी खटुआ ने कहा, 'पहले अलग अलग जिंस के आधार पर दंड दिया जाता था। हम कुछ समय से इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि एनसीडीईएक्स में तीन फीसदी के समान दंड लगाया जाए। इसकी सफलता के बाद हमने एमसीएक्स से कहा है कि वह वैसे ही ढांचे का अनुकरण करे।'
उन्होंने कहा कि दंड में संशोधन लगभग सभी कृषि जिंसों की अनिवार्य डिलिवरी अनुबंधो पर लागू होगा। हालांकि नियामक ने कहा है कि अहमदाबाद स्थित नैशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज के लिए संशोधित दंड प्रणाली लागू नहीं होगी।
वायदा बाजार आयोग के निर्देशों के अनुसार एमसीएक्स ने एक अध्यादेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वह कृषि जिंसों (इलायची को छोड़कर) के सभी सौदों में संशोधित दंड़ भुगतानों को लागू किया जाएगा। यह अनिवार्य डिलिवरी विकल्पों पर लागू होगा, जो 11 फरवरी और उसके बाद के लिए किए गए हैं।
एफएमसी के मुताबिक एमसीएक्स में जुर्माना राशि सौदे के कुल मूल्य के 2.5 प्रतिशत से संशोधित कर 3 प्रतिशत कर दी गई है, अगर कोई विक्रेता कृषि जिंसों की डिलिवरी में देरी करता है। इसके साथ ही डिफाल्टर को ही अंतिम सौदे की कीमतों में आए अंतर का भुगतान करना पड़ेगा। (BS HIndi)
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