लखनऊ February 26, 2009
पांच साल पहले प्रयोग के तौर पर की गई शुरुआत इस साल होली के मौके पर उत्तर प्रदेश के बाजारों में अपना रंग दिखा रही है।
हर्बल गुलाल और प्राकृतिक रंगों की मांग बढ़ रही है। परंपरागत किराना किरानों की दुकानों में इस बार रसायनिक रंगो से ज्यादा मांग हर्बल गुलाल और टेसू के रंगों की हो रही है।
बीते साल जहां उत्तर प्रदेश के बाजारों में केवल राष्ट्रीय वानस्पतिक अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) के ही हर्बल गुलाल उत्तर प्रदेश और खास कर राजधानी लखनऊ में चलन में थे वहीं इस साल स्थानीय कंपनी आर्गेनिक इंडिया ने भी कई रंगों में अपने हर्बल गुलाल बाजार में उतारे हैं।
इन हर्बल गुलालों की विशेषता उनका न केवल इको फ्रेंडली होना है बल्कि इनका निर्माण भी हल्दी और तुलसी के जरिए किया गया है।
आर्गेनिक इंडिया के अनुसार उनके उत्पाद सौ फीसदी स्वास्थ की कसौटी पर खरे उतरते हैं। कंपनी ने उत्पादों को बाजार में उतारने से पहले इसकी गुणवत्ता की जांच के लिए इसे चिकित्सकों के पास भेज कर परीक्षण भी करवाया था। (BS Hindi)
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