मुंबई February 22, 2009
औद्योगिक धातुओं में मांग में वैश्विक कमी को देखते हुए इस सप्ताह तांबे की कीमतें घट सकती हैं। विकसित और विकासशील देशों में भारी भरकम राहत पैकेज दिए जाने के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी का रुख जारी है और बाजार में वापसी के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।
पिछले सप्ताह इक्विटी बाजार में गिरावट का रुख बना रहा। सेंसेक्स 8.22 प्रतिशत गिरा, निफ्टी 7.19 प्रतिशत, डाऊ जोंस 6.17 प्रतिशत, नैस्डैक 6.07 प्रतिशत, शांघाई 2.56 प्रतिशत और निक्केई में 4.67 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
औद्योगिक जिंस नजदीकी से वैश्विक वित्तीय बाजारों से जुड़े होते हैं, जहां से कोई खास मांग नजर नहीं आ रही है। उपभोक्ता उद्योगों जैसे ऑटो, हाउसिंग आदि में सकारात्मक संकेत नहीं हैं और ये मंदी की मार झेल रहे हैं।
लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में बड़ा स्टॉक जमा होने की खबर आ रही है और शांघाई फ्यूचर एक्सचेंज (एसएचएफई) में भी हाल के वर्षों की तुलना में बहुत ज्यादा माल जमा हो गया है। इसकी प्रमुख वजह यही है कि धातुओं की मांग में भारी कमी आई है।
एलएमई की फेहरिश्त पर नजर डालें तो यहां 545,600 टन तांबा, 31,47,300 टन एल्युमीनियम और 354,925 टन जिंक जमा है। वहीं एसएचएफई में कुल 30.105 टन तांबा, 201758 टन एल्युमीनियम और 62,988 टन जिंक जमा हो गया है।
अगर गोदामों में जमा धातुओं की मात्रा देखें तो इससे 5 दिनों की वैश्विक मांग पूरी की जा सकती है। सामान्यतया अगर एक दिन की मांग से ज्यादा माल जमा हो जाता है तो इसे इंजिनियरिंग, हाउसिंग और ऑटो जैसे खपत वाले क्षेत्रों में मांग की कमी के तौर पर देखा जाता है।
लेकिन यह सब कुछ 27 फरवरी को आने वाले अमेरिका के उद्योग विभाग की रिपोर्ट पर निर्भर करता है। अगर अमेरिका की अर्थव्यवस्था में किसी उभार के संकेत मिलते हैं तो मूल धातुओं की स्थिति में थोड़ी सुधार जरूर आ सकती है।
अमेरिका, चीन के बाद तांबे का सबसे बड़ा खरीदार हो सकता है, जिसका प्रयोग प्लम्बिंग और बिजली के वायरिंग में होता है। मूल धातुओं के विष्लेशक नवनीत दामानी का कहना है कि कुल मिलाकर जो संकेत मिल रहे हैं, मूल धातुओं के पक्ष में जाते नहीं दिख रहे हैं।
एमसीएक्स में तांबा 152-53 रुपये प्रति किलो, निकेल 480 रुपये प्रति किलो, शीशा 53 रुपये प्रति किलो और जिंक 54 रुपये प्रति किलो के समर्थन पर बंद हुआ। अगर इस स्तर का रिक ॉर्ड टूटता है तो कारोबारियों के लिए नई बुकिंग के अवसर मिलेंगे। दामानी का कहना है कि इस स्तर के टूटने से बाजार में खलबली का माहौल बन सकता है।
पिछले सप्ताह के दौरान धातुओं के सभी सौदों में मंदी रही। अप्रैल 09 का एल्युमिनियम के वायदा भाव में 1.82 प्रतिशत की गिरावट आई। यह 67.25 रुपये प्रति किलो, तांबे का फरवरी 09 के कारोबार में 2.56 प्रतिशत की गिरावट आई और 161.75 रुपये प्रति किलो, निकेल का फरवरी 09 का वायदा 2.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 493.50 रुपये प्रति किलो, शीशा का अप्रैल 09 का वायदा 4.56 प्रतिशत नीचे जाने के साथ 54.45 रुपये प्रति किलो और जिंक का फरवरी 09 का वायदा 1.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55.15 रुपये प्रति किलो पर चला गया।
एंजेल ब्रोकिंग के कमोडिटी प्रमुख नवीन माथुर ने कहा कि तांबे की कीमतें एक सीमा के भीतर बंधी रहेंगी, क्योंकि हाल के दिनों में इसकी मांग में सुस्ती के ही संकेत मिल रहे हैं।
अगर पिछले सप्ताह के लंदन मेटल एक्सचेंज के आंकड़ों पर गौर करें तो एल्युमीनियम की कीमतों में 6.12 प्रतिशत गिरावत आई और यह 1264.5 डॉलर पर पहुंच गया। इसी तरह से तांबा, टिन, जिंक, शीशा और निकेल में क्रमश: 7.54, 5.26, 7.02, 11.31 और 7.93 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
मंदी से निराशा
भारी भरकम राहत पैकेज दिए जाने के बावजूद अभी भी जारी है मंदी दुनिया के सभी शेयर सूचकांकों में पूरे सप्ताह के दौरान रहा गिरावट का रुखपिछले सप्ताह के दौरान धातुओं के सभी सौदों में मंदी रही। वायदा बाजार में भी धराशायी रहीं धातुएं। (BS Hindi)
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