कोच्चि February 25, 2009
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 20 करोड़ रुपये की लागत से बना मसाला उद्यान चालू हो गया है। मसाला बोर्ड ने ऐसे 7 मसाला उद्यान बनाने की योजना बनाई थी।
छिंदवाड़ा का मसाला उद्यान इस कड़ी का पहला उद्यान है। इस उद्यान के पहले चरण में एक लहसुन सुखाने वाला संयत्र मसाला बोर्ड ने स्थापित किया है।
एसटीसीएल ने भी यहां भाप से सफाई करने वाली इकाई लगाई है इसके अलावा 17 फरवरी को भारत सरकार का एक उपक्रम भी चालू हो गया। यह उद्यान छिंदवाड़ा-नागपुर हाइवे पर छिंदवाड़ा के नजदीक लास गांव की 18 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है।
इस उद्यान के लिए अत्याधुनिक मशीनें जर्मनी से मंगाई गई हैं। इसके अलावा भाप से सफाई करने वाली सुविधा इसलिए तैयार की जा रही है ताकि बेहतरीन गुणवत्ता वाले मसाले और उससे जुड़े उत्पादों का निर्यात विकसित देशों मसलन ब्रिटेन, जापान और अमेरिका जैसे देशों में और भी बढ़े।
मसाला बोर्ड ने केरल, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में मसाला उद्यान स्थापित करने की योजना बनाई है ताकि इलायची, काली मिर्च, हल्दी, लाल मिर्च, अदरक और बीज वाले मसाले की फसल तैयार की जा सके।
छिंदवाड़ा उद्यान की परियोजना में खासतौर पर लहसुन और मिर्च के उत्पादन पर ध्यान दिया जाएगा क्योंकि छिंदवाड़ा के इलाके में इन दोनों फसलों की पैदावार बहुत होती है। आंकड़ों की मानें तो इस क्षेत्र में 33,228 टन लहसुन का उत्पादन 2769 हेक्टेयर जमीन पर होता है जबकि 25,152 टन मिर्च का उत्पादन 3144 हेक्टेयर जमीन पर होता है।
मध्यप्रदेश देश में दूसरा सबसे ज्यादा लहसुन उत्पादन करने वाला राज्य है। यहां लगभग 1,82,500 टन लहसुन का उत्पादन 41,735 हेक्टेयर जमीन पर होता है। भारत 716 टन लहसुन का निर्यात करता है और वर्ष 2007-08 के दौरान लहसुन उत्पादों का भाव 7.41 करोड़ रहा।
भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए पहले से ही 20 करोड़ रुपये खर्च किया है। बहुत जल्द ही एक गुणवत्ता की परीक्षण करने वाली लेबोरेट्री भी उद्यान में जल्दी ही बनाया जाएगा।
मसाला बोर्ड की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक एसटीसीएल की भाप से सफाई करने और पीसने वाली इकाई भी 8 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया है। इस इकाई की क्षमता है कि यह 2 टन कच्चे माल का प्रसंस्करण कर सके। (BS HIndi)
25 फ़रवरी 2009
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