20 फ़रवरी 2009
गोल्ड में निवेश के साथ चमकाएं अपना पोर्टफोलियो
मुंबई: सोने के दाम रोजाना नई ऊंचाइयां छू रहे हैं और ऐसे में कुछ निवेशकों को यह मलाल जरूर होगा कि उन्होंने इस कीमती धातु में समय रहते निवेश क्यों नहीं किया। सोने ने वर्ष 2008 में 26 फीसदी रिटर्न दिया है। इस वर्ष के अभी दो महीने भी नहीं बीते हैं और इसने पिछले वर्ष के मुकाबले आधा रिटर्न दे दिया है। बाजार के जानकारों का कहना है कि इक्विटी, फिक्स्ड इनकम और रियल एस्टेट जैसे संपत्ति के अन्य वर्गों में वैश्विक मंदी की वजह से भारी नुकसान उठाने वाले निवेशकों के लिए अभी भी सोने में धन लगाने का मौका मौजूद है। जानकारों की राय है कि गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिए छोटे निवेशकों के लिए निवेश का इस समय बेहतर अवसर है। बुधवार को मुंबई में सोने का दाम 15,545 रुपए प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर को छूने के बाद विशेषज्ञों को इस बात की उम्मीद कम है कि इसकी भौतिक खरीदारी बहुत अधिक होगी। हालांकि, अन्य संपत्ति वर्गों में वैश्विक मंदी को देखते हुए विश्व भर में निवेशक और सट्टेबाज दो सुरक्षित विकल्पों- सोना और डॉलर में निवेश कर रहे हैं। इससे सोने के दाम 7 महीने के उच्चतम स्तर 960 डॉलर प्रति औंस (31.10 ग्राम) पर पहुंच गए हैं। भारत में प्रतिवर्ष सोने की कुल खपत का 80 फीसदी से अधिक आयात किया जाता है। घरेलू बाजार सोने के दाम न्यूयॉर्क और लंदन के बाजारों के आधार पर तय होते हैं। कोटक महिंद्रा एएमसी के चीफ एग्जिक्यूटिव, संदेश किरकिरे का कहना है कि जब तक वैश्विक बाजारों में वित्तीय अस्थिरता जारी रहती है, तब तक सोने की कीमतें ऊपर जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, 'सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर जाना इस बात का सबूत है कि पूरी दुनिया में फंड और निवेशकों को इसमें विश्वास मजबूत हुआ है। सोने में निवेश की इच्छा रखने वाले छोटे निवेशकों के लिए ईटीएफ सही इंस्ट्रूमेंट है। इसमें प्रत्येक यूनिट के लिए सोना मौजूद होता है। भारतीय सोने का खनन करने वाली कंपनियों के शेयर या वायदा बाजार में खरीदारी करने की तुलना में फिजिकल गोल्ड रखना ज्यादा पसंद करते हैं।' इनवेस्टमेंट प्लानर भी कुछ इसी तरह की राय रखते हैं लेकिन बुलियन एनालिस्ट भार्गव वैद्य जैसे कुछ जानकार सोने में पैसा लगाने में एहतियात बरतने की सलाह देते हैं। छोटे निवेशकों को सोने के प्रति ग्राम में 1,500 रुपए प्रति सप्ताह या 15 दिन में 3,000 रुपए से अधिक का निवेश नहीं करना चाहिए। भार्गव का कहना है, 'इस तरह अगर सोने के दाम में गिरावट भी आती है तो भी निवेशकों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। मौजूदा कीमतों पर सोने की भौतिक रूप में खरीदारी करना काफी मुश्किल है और इसमें सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट करना चाहिए है। निवेशकों को हमेशा अपने पोर्टफोलियो में सोने को 5-10 फीसदी जगह देनी चाहिए।' भार्गव का यह भी मानना है कि ज्यादातर निवेशक नकदी को तरजीह देते हैं और जब सोने की कीमत बढ़ती है तो वे इसे बेचना चाहते हैं। इसके बाद वे डेट या गिल्ड फंड जैसी अन्य संपत्तियों में निवेश नहीं करते, जिनमें ब्याज दरों के गिरने के साथ अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना होती है। बेंचमार्क गोल्ड ईटीएफ चलाने वाले बेंचमार्क म्यूचुअल फंड के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, राजन मेहता का कहना है कि छोटे निवेशक नियमित अंतराल पर एक या दो ग्राम सोने की खरीदारी करना जारी रखेंगे, दाम चाहे कितना भी हो। निवेशकों के पास वायदा बाजार में धन लगाने का विकल्प भी मौजूद है, लेकिन इसमें जोखिम भी अधिक होता है। इस बाजार में उन्हीं निवेशकों को उतरना चाहिए जिन्हें इसकी बारीकियों की समझ हो। (ET Hindi)
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