नई दिल्ली February 18, 2009
भारत का कॉफी निर्यात वर्ष 2009 में 14 प्रतिशत गिरकर 1,90,000 टन रह सकता है। अनुमान लगाया जा रहा है कि कॉफी के मुख्य उत्पादक राज्य कर्नाटक में मानसून की बेरुखी के चलते उत्पादन में कमी आएगी।
आल इंडिया कॉफी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश राजा ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि 2009 में कॉफी का निर्यात घटकर 1,80,000-1,90,000 टन रह जाएगा, क्योंकि इस साल उत्पादन गिरकर 2,50,000 और 2,60,000 टन के बीट रह जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत ने 2008 में कुल 2,20,000 टन कॉफी का निर्यात किया था। राजा ने कहा कि इस साल कम उत्पादन होने से किसान अपने उत्पाद को रोककर रख रहे हैं, क्योंकि उन्हें भविष्य में बेहतर मुनाफा मिलने की उम्मीद है। कम पैदावार और कम आवक का असर निर्यात पर पड़ रहा है।
बहरहाल आर्थिक मंदी के चलते विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की ओर से मांग में कमी आई है, लेकिन कोई भी सौदा निरस्त नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि कुछ देशों, खासकर पूर्वी यूरोप में मंदी की वजह से कांट्रैक्ट में देरी हो रही है, लेकिन कोई भी सौदा निरस्त नहीं हुआ है। भारतीय कॉफी को विदेशी ग्राहकों का जनवरी महीने में कोई समर्थन नहीं मिला है, जिसकी वजह से भी निर्यात में 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
सरकार ने इस साल कॉफी के अनुमानित उत्पादन को 2,93,000 टन से घटाकर 2,76,000 टन कर दिया है। इस महीने की शुरुआत में बेंगलुरु स्थित कॉफी बोर्ड ने कर्नाटक में कॉफी के उत्पादन में कटौती के संकेत दिए हैं। (BS Hindi)
19 फ़रवरी 2009
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