19 फ़रवरी 2009
घरेलू बाजार में इस साल आएगी बारह लाख टन विदेशी चीनी
गन्ने की कमी के कारण अनेक मिलें बंद हो जाने के बावजूद चालू चीनी वर्ष 2008-09 के दौरान 12 लाख टन रॉ शुगर आयात होने की उम्मीद है। उधर केंद्र सरकार द्वारा डयूटी फ्री रॉ शुगर के आयात नियमों में बदलाव की अधिसूचना जारी किए जाने के बाद घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में 25 से 30 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि वायदा बाजार में निवेशकों की खरीद बढ़ने से नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पर फरवरी महीने के वायदे में करीब 38 रुपये की तेजी दर्ज की गई। महाराष्ट्र स्टेट कोआपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रकाश नायक नवारे के अनुसार आयात नियमों में बदलाव के बाद 12 लाख टन रॉ शुगर भारत में मंगाए जाने का अनुमान है। नई स्कीम में आयातकों को रॉ शुगर रिफाइंड करके घरेलू बाजार में बेचने की अनुमति होगी लेकिन उन्हें उतनी ही चीनी दो साल में निर्यात करनी होगी। नायक नवारे के अनुसार अब तक छह लाख टन चीनी आयात के लिए सौदे हो चुके हैं। 40 हजार टन रॉ शुगर भारत के बंदरगाहों पर पहुंच चुकी है। दिल्ली कारोबारी व्यापारी सुधीर भालोठिया ने बिजनेस भास्कर को बताया कि अधिसूचना जारी होने के बाद घरेलू बाजारों में चीनी की कीमतों पर आंशिक प्रभाव पड़ा है। दिल्ली बाजार में बुधवार को इसकी कीमतों में 25 से 30 रुपये की गिरावट आकर एम ग्रेड चीनी की कीमतें घटकर 2325 से 2350 रुपये और एस ग्रेड चीनी की कीमतें 2280 से 2300 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। लेकिन नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) फरवरी महीने के वायदे में बुधवार को 38 रुपये की तेजी आकर भाव 2143 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।विदेश में रॉ शुगर के भाव बढ़कर 290 से 292 डॉलर प्रति टन हो गए हैं। वर्तमान भाव पर आयातित रॉ शुगर को रिफाइंड करने के बाद उसकी कीमत भारत पहुंच करीब 1850 से 1900 रुपये प्रति क्विंटल बैठेगी।चालू फसल सीजन में घरेलू चीनी उत्पादन घटने की आशंका के कारण ही केंद्र सरकार को रॉ शुगर के आयात नियमों में बदलाव करना पड़ा है। पिछले वर्ष देश में चीनी का उत्पादन 265 लाख टन का हुआ था जबकि चालू सीजन में इसका उत्पादन घटकर 170 से 180 लाख टन ही होने की संभावना है। भारत में तो चीनी उत्पादन में कमी आएगी ही, विश्व बाजार में भी चीनी का उत्पादन खपत के मुकाबले कम होने की आशंका है। इसलिए भारत के साथ ही विश्व में भी चालू वर्ष में चीनी की कीमतों में तेजी का रुख बना रहने की उम्मीद है जोकि चुनावी वर्ष में सरकार के लिए परशानी का सबब बन सकती है। चुनावी वर्ष होने की वजह से चीनी की कीमतों पर सरकार की पैनी नजर रहेगी। इसलिए सरकार किसी भी कीमत पर कीमतों को नियंत्रण में रखना चाहेगी। फूटकर बाजार में इस समय चीनी की कीमतें 24 से 25 रुपये प्रति किलो के स्तर पर बनी हुई है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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