नई दिल्ली February 17, 2009
सोने की तेजी में आभूषण निर्माता (ज्वैलर) लुट गए। दिल्ली सर्राफा बाजार में मंगलवार को काम कम, सोने की कीमत पर चर्चा ज्यादा हुई।
क्योंकि 15,420 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत वाले सोने को खरीदने की हिम्मत रखने वालों की संख्या काफी कम है। कारोबार सिर्फ 15-20 फीसदी का रह गया है। आगामी मार्च-अप्रैल तक हाजिर बाजार में सोने की कीमत 16,000-16500 रुपये प्रति 10 ग्राम तक होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
सोने की कीमत नवंबर माह में 11,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गयी थी। सर्राफा कारोबारी कहते हैं कि सोना अभी वही खरीद रहा है जिसे घोड़ी चढ़नी है। लेकिन वह भी सीमित मात्रा में खरीदारी कर रहा है।
सर्राफा बाजार के प्रधान विमल कुमार गोयल कहते हैं, 'सोने की खरीदारी के लिए किसी का बजट 2 लाख रुपये का है तो कीमत अधिक होने से वह सीमित मात्रा में ही सोने की खरीदारी कर पाएगा। अब तो लोग ननद-देवरानी के जेवर से काम चलाएंगे।'
सोने के व्यापारियों के मुताबिक सोने का हाल कच्चे तेल की तरह हो गया है। जिस प्रकार कच्चे तेल की कीमत 150 डॉलर प्रति बैरल के पार चली गयी थी वैसे ही सोने की कीमत अभी और चढ़ेगी। यह सब सट्टे का खेल है जिसका नुकसान सर्राफा बाजार को उठाना पड़ रहा है।
कैसे होता है नुकसान
कारोबारियों ने बताया कि गत सोमवार को सोने का हाजिर भाव 14,900 रुपये प्रति 10 ग्राम था। मान लीजिए उन्होंने 2 किलोग्राम का कारोबार किया। लेकिन किसी कारणवश वे सोमवार शाम में मंगलवार के कारोबार के लिए खरीदारी नहीं कर पाए।
मंगलवार को सोने की कीमत बाजार खुलते ही 15,400 रुपये प्रति 10 ग्राम की हो गयी। अब वे मंगलवार को इसी दर से सोने की खरीदारी करेंगे जिससे उन्हें लाखों रुपये का नुकसान होगा।
सर्राफा बाजार के पदाधिकारी सुरेंद्र खंडेलवाल कहते हैं, 'रोज-रोज भाव चढने के क्रम में उनकी कार्यशील पूंजी में कमी आती है। कारोबारियों के मुताबिक सोने के भाव चढने से सिर्फ उनके स्टॉक का मूल्य बढ़ जाता है, लेकिन उसका फायदा इसलिए नहीं है कि कारोबार काफी कम हो जाता है।'
उन्होंने यह भी बताया कि अभी सोना और चढ़ेगा और ऐसे में उनका कारोबार 10 फीसदी तक भी नहीं रह जाएगा। जिन सर्राफा कारोबारियों के पास किसी और कारोबार में शिफ्ट होने की गुंजाइश है वे सबके सब पिछले दो सालों में सर्राफा की जगह किसी और कारोबार में लग गए हैं। (BS Hindi)
18 फ़रवरी 2009
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