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14 अक्तूबर 2009

भारतीय बासमती को ईरान की क्लीन चिट

ईरान में भारतीय बासमती में आर्सेनिक, कैडमियम और लेड की हानिकारक मात्रा की मौजूदगी का जो आरोप लगा था उसे वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट में भारतीय बासमती को मानवीय उपभोग के लिए पूरी तरह से उपयुक्त बताया गया है। इससे देश के लाखों बासमती उत्पादक किसानों के चेहरे पर खुशी लौट सकती है। ईरान के तथाकथित आरोप के चलते हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लाखों बासमती उत्पादक किसानों को उनकी उपज के उचित मूल्य मिलने को लेकर संदेह पैदा हो गया था। इस साल फसल थोड़ी देर से आ रही है। ऐसे में उसके पहले ईरान सरकार का यह फैसला किसानों के लिए बिल्कुल सही समय पर आया है।उद्योग सूत्रों के मुताबिक ईरान के स्वास्थ्य और मेडिकल एजूकेशन मंत्रालय (एमएचएमई) ने भारतीय बासमती को मानवीय उपयोग के लिए प्रमाणित कर दिया है।करीब डेढ़ माह पहले ईरान में उत्पादों के मानक तय करने वाली एजेंसी इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑफ ईरान (आईएसआईआरआई) द्वारा तथाकथित रूप से भारत से भेजे गए बासमती में आर्सेनिक, लेड और कैडमियम की मात्रा निर्धारित मानकों से अधिक पाई गई थी। उसके बाद से ही ईरान में भारतीय बासमती के निर्यात को लेकर सवाल खड़े हो गए थे। इसके साथ ही चालू खरीफ सीजन में बासमती उत्पादक किसानों को भारी नुकसान की आशंका पैदा हो गई थी क्योंकि इस वजह से धान की कीमत में भारी गिरावट आने की संभावना लग रही थी। हालांकि आधिकारिक रूप से ईरान ने भारत से चावल आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया था, लेकिन इस तरह की खबरों से घरेलू बाजार में माहौल बासमती किसानों के लिए प्रतिकूल हो गया था। ईरान भारत से करीब 10 लाख टन चावल आयात करता है। इसमें से देश की हाल ही में बासमती में शुमार की गई किस्म त्नपूसा 1121त्न की मात्रा करीब आठ लाख टन है। एक तरह से ईरान भारत के बासमती चावल का करीब 5000 करोड़ रुपये का बाजार है।चालू खरीफ सीजन में मानसून के देरी से आने के चलते इस साल किसानों ने बासमती का क्षेत्रफल बढ़ा दिया था। ऐसे में भारतीय बासमती के बारे में आई तथाकथित प्रतिकूल रिपोर्ट के चलते इस बड़े बाजार के हाथ से निकलने की आशंका पैदा होने लगी थी। इसके चलते ही इस समय घरेलू बाजार में बासमती धान की कीमत 2200 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है जो पिछले साल इसी समय 2700 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल चल रही थी। हालांकि, ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय की फूड एंड ड्रग लैबोरेटरी की ताजा रिपोर्ट आने के बाद यह धुंधलका छंट गया है। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय की फूड एंड ड्रग लैबोरेटरी की इस रिपोर्ट के लिए तीसरे लेवल के टेस्ट किए गए थे। इसके लिए भारत से निर्यात किए गए बासमती के 67 सैंपल लिए गए। इसके साथ ही आईएसआईआरआई ने भी इस परीक्षण को सही पाया है। (बिज़नस भास्कर)

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