02 अक्तूबर 2009
बीते साल में 333 लाख टन चावल की रिकॉर्ड खरीद
विगत 30 सितंबर को समाप्त हुए मार्केटिंग वर्ष 2008-09 के दौरान चावल की कुल खरीद गत वर्ष के मुकाबले 15 फीसदी ज्यादा रही है। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के मुताबिक इस दौरान 333 लाख टन चावल की रिकॉर्ड खरीद की गई है। एफसीआई के आंकड़ों के मुताबिक सीजन 2007-08 के दौरान सरकार ने 288।38 लाख टन चावल की खरीद की थी। एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बंपर उत्पादन और अच्छे समर्थन मूल्य के चलते सीजन 2008-09 में चावल की रिकॉर्ड खरीद हुई। सरकार ने 2008-09 में धान की आम किस्मों की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 850 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था जबकि ग्रेड ए के लिए 880 रुपये एमएसपी रखा गया था। बाद में सरकार ने एमएसपी पर 50 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा भी की थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को समाप्त हुए सीजन 2008-09 के लिए निर्धारित खरीद लक्ष्य 280 लाख टन मई में ही हासिल कर लिया गया था। इस सीजन के दौरान केंद्रीय पूल में सबसे ज्यादा 87.56 लाख टन का योगदान आंध्र प्रदेश ने दिया है।पंजाब 85.52 लाख टन के साथ दूसरे, उत्तर प्रदेश 36.11 लाख टन के साथ तीसरे, छत्तीसगढ़ 28.47 लाख टन के साथ चौथे और उड़ीसा 27.88 लाख टन चावल खरीदक पांचवें स्थान पर रहा। चालू सीजन 2009-10 के लिए कुछ दिन पहले ही शुरू हुई खरीद पिछले सीजन के मुकाबले 61 फीसदी पिछड़ गई है। इस सीजन की अभी तक 1.21 लाख टन खरीद की गई है जबकि गत वर्ष इस समयावधि में 3.15 लाख टन धान की खरीद की जा चुकी थी। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि खरीफ सीजन में धान की देर से बुवाई होने के कारण कटाई में भी देरी हो रही है। कटाई में देरी की वजह से खरीद जोर नहीं पकड़ रही है। चालू सीजन के लिए सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 100 रुपये की बढ़ोतरी की है।इस बार सामान्य वैरायटी के लिए 950 रुपये और ग्रेड ए के लिए 980 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी दिया गया है। (बिज़नस भास्कर)
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