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30 अप्रैल 2009

कॉफी की मांग हल्की पड़ने से एशियाई बाजारों में भाव गिर

लंदन में कॉफी फ्यूचर नरम रहने के कारण एशियाई बाजारों में मांग घटने से इसके भावों में गिरावट का रुख दिखाई दे रहा है। उधर कारोबारियों के अनुसार वियतनाम में किसानों ने कॉफी की बिकवाली रोककर स्टॉक करना शुरू कर दिया है। इससे कारोबार में कमी दर्ज की जा रही है। लिफ्फे में जुलाई रोबुस्ता वायदा करीब 1,471 डॉलर प्रति टन पर रहा। एक सप्ताह पहले इसका भाव करीब 1,490 डॉलर प्रति टन था। इस दौरान वियतनाम के हाजिर बाजारों में कॉफी की कीमतों में करीब 90-100 डॉलर प्रति टन की गिरावट आई है। कारोबारियों के मुताबिक आने वाले दिनों में यहां कॉफी की कीमतों में और गिरावट आने की संभावना जताई जा है। ऐसे में किसानों ने कॉफी की आवक रोक रखी है जिससे कारोबार कमजोर पड़ गया है और भाव गिर रहे हैं। इस दौरान वियतनाम के कई कॉफी उत्पादक इलाकों में बारिश भी शुरू हो गई है। लेकिन जानकारों का मानना है कि इस बारिश का असर कॉफी की फसल और कारोबार पर पड़ने के आसार नहीं है। इस बीच इंडोनेशिया में भी कॉफी की कीमतों में हफ्ते भर के दौरान करीब 50-60 डॉलर प्रति टन की गिरावट आ चुकी है। कारोबारियों के मुताबिक आढ़तियों की लिवाली ठंडी पड़ने से कीमतों में गिरावट आई है। पूर एशियाई बाजारों में कॉफी की कीमतों में आई गिरावट का असर भारतीय कारोबार पर भी पड़ा है। इस दौरान रॉबस्ता चेरी एबी का भाव करीब 1,525 डॉलर प्रति टन रहा।पिछले सप्ताह इसका भाव करीब 1,570 डॉलर प्रति था। हालांकि अरेबिका कॉफी की पैदावार घटने से इसके कारोबार पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। भारतीय कॉफी बोर्ड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस साल एक जनवरी से 27 अप्रैल के दौरान करीब 71,913 टन कॉफी का निर्यात हुआ। जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले करीब 18 फीसदी कम है। गुरुवार और शुक्रवार को वियतनाम और भारत का कॉफी बाजार बंद रहेगा। वहीं शुक्रवार को इंडोनेशिया का बाजार भी बंद रहेगा। (Business Bhaskar)

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