लखनऊ 04 29, 2009
इस साल उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड 270 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है। इसे देखते हुए राज्य सरकार की एजेंसियों ने 20 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है।
इसके साथ ही 30 जून तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने भी 10 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है। इस तरह से कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद 30 लाख टन रहने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है। देश के कुल उत्पादन में 35 प्रतिशत योगदान इस राज्य का है। उत्तर प्रदेश खाद्य और नागरिक आपूर्ति के मुख्य विपणन अधिकारी (सीएमओ) महबूब खान ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि अब तक सरकार ने 6,50,000 टन गेहूं सीधे किसानों से खरीदा है।
इस साल केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है। 80 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ने के बाद अब गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1080 रुपये प्रति क्विंटल है। खान ने कहा कि हमने राज्य भर में कुल 4,380 खरीद केंद्र बनाए हैं।
यह केंद्र मुख्य रूप से राज्य खाद्य विपणन विभाग, प्राविंसियल कोआपरेटिव फेडरेशन, यूपी एग्रो, यूपी सहकारी संघ, यूपी स्टेट फूड कार्पोरेशन और नेशनल एग्रीकल्चर कोआपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (नेफेड) से संबध्द हैं।
पिछले साल के 255 लाख टन की तुलना में इस साल उत्तर प्रदेश में 276 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है। गेहूं की मड़ाई का काम अभी भी चल रहा है और जब सभी जिलों में फसल की मड़ाई खत्म हो जाएगी, तभी अंतिम आंकड़ा आ सकेगा।
बहरहाल उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता ने कुछ मंडलीय अधिकारियों और जिलाधिकारियों से विडियो कान्फ्रेंसिंग कर सरकारी खरीद के बारे में जानकारी ली। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि कमीशन एजेंटों की बजाय सीधे किसानों से खरीद की जानी चाहिए।
गुप्ता ने कहा कि सरकारी खरीद का लक्ष्य 15 मई तक हासिल कर लिया जाएगा, क्योंकि हर खरीद केंद्र की क्षमता में 600 क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। दिलचस्प है कि गेहूं खरीद को बढ़ाने के लिए पिछले साल कमीशन एजेंटों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन 2007-08 की तुलना में गेहूं की खरीद में मामूली कमी आई थी। (BS Hindi)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें