मुंबई 04 22, 2009
पिछले चार सालों के बाद वित्तीय वर्ष 2009 में देश के पूर्वी क्षेत्र में सीमेंट की खपत वृद्धि दर में इतनी बढ़ोतरी हुई है कि इसने सभी दूसरे क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया है।
इस क्षेत्र के सीमेंट निर्माताओं का कहना है कि बिल्डिंग निर्माताओं की ओर से मांग बढ़ने से पूर्वी क्षेत्र के बाजार का प्रदर्शन देश के दूसरे क्षेत्रों के मुकाबले बेहतर रहा। पूर्वी बाजार में उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ बिहार, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल शामिल है।
यहां सीमेंट की खपत दर में 11.32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और सीमेंट की खपत 2.82 करोड़ टन है। पिछले साल सीमेंट की खपत में 5.62 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। उत्तरी क्षेत्रों में महज 4.77 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह पूर्वी क्षेत्र के मुकाबले पीछे ही है।
जबकि दक्षिणी, पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों में सीमेंट की खपत में क्रमश: 10.37 फीसदी, 5.36 फीसदी और 10.43 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। उड़ीसा के शिवा सीमेंट के प्रबंध निदेशक आर. पी. गुप्ता का कहना है, 'नवंबर के बाद इस क्षेत्र में सीमेंट की मांग में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी देखी गई।
इस क्षेत्र में ग्रामीण और अर्द्धशहरी क्षेत्र शामिल हैं और मंदी का कोई असर यहां नहीं देखा जा रहा है जैसा कि बड़े शहरों में इसका ज्यादा असर पड़ रहा है। ऐसे में आवासीय और बुनियादी योजनाओं की वजह से मांग में बढ़ोतरी हुई है।'
मिसाल के तौर पर वित्तीय वर्ष 2009 में राष्ट्रीय स्तर पर खपत में वृद्धि दर 8.4 फीसदी है और इसके मुकाबले बिहार में सीमेंट की खपत में 12.58 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई और यह 51 लाख टन हो गया।
वहीं झारखंड की वृद्धि दर 16.48 फीसदी रही और यह 31.1 लाख टन रहा। इसी तरह उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में क्रमश: 15.92 फीसदी और 8.92 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई। सीमेंट की बड़ी घरेलू कंपनियां मसलन एसीसी, लाफार्ज, अंबुजा सीमेंट और ग्रासिम की इकाइयां भी पूर्वी क्षेत्र में है और स्थानीय खिलाड़ियों के साथ ही बाजार में उनकी हिस्सेदारी भी है।
छत्तीसगढ़ में सीमेंट की इकाइयां इस क्षेत्र की सीमेंट मांग को पूरा करती है। बर्द्धमान के बर्नपुर सीमेंट के प्रबंधक निदेशक अशोक गुटगुटिया का कहना है, 'इस क्षेत्र में बुनियादी ढ़ांचे के विकास का काम चल रहा है। (BS Hindi)
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