मुंबई : विश्लेषकों का मानना है कि सोने की कीमतों में जून के अंत तक गिरावट रहेगी और इसके बाद इसमें तेजी देखने को मिल सकती है। रॉयटर्स के एक पोल के मुताबिक, 2009 की तीसरी और चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति के तेज होने के साथ-साथ सोने की कीमतें भी चढ़ सकती है। सर्वे के नतीजे बताते हैं कि जून के अंत तक सोना 13,995 रुपए तक पहुंच सकता है। जबकि सितंबर के अंत तक ये 15,000 रुपए तक और दिसंबर के अंत तक 15,830 रुपए तक जा सकता है। कार्वी कॉमट्रेड के रिसर्च प्रमुख हरीश गलीपल्ली का कहना है कि इकॉनमी को संभालने के लिए उठाए गए कदमों से मंदी का खतरा कम होगा। ऐसे में सोने की चमक फीकी पड़ सकती है। पिछले साल सितंबर में दुनिया की कई इकॉनमी ने कैश की कमी झेली और कई अर्थव्यवस्थाएं मंदी के दौर में चली गई। इस वजह से कई देशों के सेंट्रल बैंकों को रेट कट करने पड़े और डिमांड बढ़ाने के लिए उपाय करने पड़े। ऐसे उपाय भारत में भी किए जा रहे हैं और सोने की कीमत पर इकॉनमी की चाल का असर पड़ता है।
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और स्टोरीज़ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करेंमंबई के एक सरकारी बैंक से जुड़े गोल्ड डीलर ने कहा कि सरकारी खर्च बढ़ने से महंगाई बढ़ने के आसार है और इसके असर से सोना तेज हो सकता है। एनालिस्ट का कहना है कि गोल्ड की कीमत में गिरावट मिडियम टर्म में जारी रहेगी और 13,500 से 13,700 को वैल्यू एरिया माना जा सकता है। इस स्तर पर गोल्ड की खरीदारी की जा सकती है। गौरतलब है कि 20 फरवरी के सोने के अपने उच्चतम स्तर 16,040 रुपये पर पहुंचने के बाद इसमें अब तक 10 परसेंट की गिरावट देखने को मिल चुकी है। (ET Hindi)
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