25 अप्रैल 2009
चीन की खरीद घटने से कॉपर 6फीसदी सस्ता
चीन द्वारा कॉपर की खरीदारी कम करने के कारण इसके मूल्य पांच दिनों में छह फीसदी तक घट चुके हैं। इस दौरान लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में हाजिर के दाम 4650 डॉलर से घटकर 4540 डॉलर प्रति टन और शंघाई फ्यूचर एक्सचेंज में कॉपर के दाम पांच दिन के निचले स्तर पर पहुंच गए। यहां अगस्त वायदा दो फीसदी घटकर 35400 युआन प्रति टन रह गया है। वहीं घरेलू बाजार में कॉपर स्क्रैप के मूल्य 270 रुपये से घटकर 250 रुपये किलो, कॉपर रॉड 295 रुपये से घटकर 275 रुपये, कॉपर बार वायर 295 रुपये से घटकर 278 रुपये और कॉपर बाइंडिंग के मूल्य 295 रुपये से घटकर 275 रुपये प्रति किलो रह गए हैं।बीते दिनों में चीन में सरकार द्वारा राहत पैकेज देने के बाद धातुओं की औद्योगिक मांग बढ़ने लगी थी। मांग की पूर्ति करने के लिए चीन ने मार्च महीने के दौरान 374,956 टन कॉपर और कॉपर एलॉय का आयात किया। यह आयात फरवरी के 329,311 टन आयात के मुकाबले 13 फीसदी अधिक है। जिससे मार्च और अप्रैल (शुरू के तीन सप्ताह तक) में इसके मूल्यों में तेजी आई थी। झिलमिल एंड फ्रेंडस कॉलोनी इंडस्ट्रियल एरिया सीईटीपी सोसायटी के उपाध्यक्ष सुरेश चंद गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चीनी रिजर्ब ब्यूरो ने कॉपर की खरीद कम कर दी है। इस वजह से एलएमई में कॉपर के मूल्यों में गिरावट आई है। यही कारण है कि घरेलू बाजार में भी पिछले पांच दिनों में इसके मूल्यों में 20 रुपये प्रति किलो की कमी आ चुकी हैं।आने वाले दिनों में कॉपर के मूल्यों में फिर तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत प्रसाद सिंह का कहना है कि कॉपर की इलैक्ट्रिकल उपकरणों के निर्माण में खपत अभी भी बनी हुई है। जिससे आने वाले दिनों में कॉपर के दाम फिर से बढ़ सकते है। उधर एंजिल ब्रोकिंग के टेक्निकल विशेषज्ञ अनुज गुप्ता का कहना है कि कॉपर के नीचे आने के बाद चीनी रिजर्व ब्यूरो फिर से खरीदा बढ़ा सकता है। ऐसे में कॉपर के भाव बढ़ने की संभावना है। मालूम हो कि वैश्विक आर्थिक संकट की वजह से औद्योगिक और भवन निर्माण क्षेत्र से कॉपर की मांग में कमी आई है। (Business Bhaskar)
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